जैन धर्म के एक बड़े धर्म गुरु की मौत पर उनके अंतिम संस्कार का हक पाने के लिए लोगों ने 7 करोड़ रुपए की बोली लगाई है। यह बोली किसी अकेले शख्स ने नहीं बल्कि अलग-अलग जगह के लोगों की बोली का जोड़ है। जिस मुनि के लिए लोग इतने श्रद्धावान हैं उनका नाम श्री माधविजय रविंद्रासुरी महाराजसाहेब जी है। 62 साल के महाराजसाहेब जी का निधन पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश के धार जिले में हो गया था। उन्हीं के अंतिम संस्कार के लिए यह पैसा लिया गया है। यह अलग तरह की परंपरा सिर्फ जैन धर्म में ही होती है।
हर रस्म के अलग पैसे, कुल 25 रस्म: अंतिम संस्कार की अलग-अलग रस्म पूरी करने के लिए बोलियां लगी थी। बोली लगाने वालों में से कोई किसी रस्म को निभाएगा तो कोई किसी को। उदाहरण के लिए, जैसे इस बोली में दुबई में रहने वाले जयेशभाई ने 68 लाख रुपए दिए हैं। उन्हें अर्थी को कांधा देने का मौका सबसे पहले मिलेगा। इसी तरह से अर्थी को कांधा देने के लिए 42, 27 और 20 लाख रुपए की बोली लगी है। मुनि के शरीर को कफन में ढकने की रस्म के लिए एक शख्स ने 52.52 लाख रुपए दिए हैं। इसी तरह की कुल 25 रस्मों के लिए बोली लगी थीं।
क्यों लिया जाता है पैसा: इस पैसे से जैन धर्म के विकास के लिए काम किया जाता है। पैसे से नए मंदिरों का निर्माण किया जाता है। धर्म का प्रसार किया जाता है। इसके पहले भी ऐसी बोलियां लगती रही हैं। 2009 में एक मुनि के निधन पर 1 करोड़ से ज्यादा की बोली लगी थी।