राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने एक नई चुनौती आ खड़ी हुई है। उन्हें दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दायर मानहानि के मामले में कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने 7 अगस्त, 2023 को अदालत में अशोक गहलोत को हाजिर होने का आदेश दिया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हाल ही में कथित संजीवनी घोटाले पर टिप्पणी के साथ उन्हें बदनाम करने के लिए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था। यह समन एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जस्टिस हरजीत सिंह जसपाल ने जारी किया है। राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने पहले इस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
क्या है मामला?
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर उनके खिलाफ अपमानजनक भाषण देने के लिए मुकदमा चलाने की मांग की थी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मामले को लेकर जोधपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाते रहे हैं। वहीं गजेन्द्र सिंह शेखावत का कहना है कि अगर ऐसा है तो फिर वह इसे साबित करके दिखाएं।
अशोक गहलोत ने एक बयान देते हुए कहा था कि घोटाले के पीड़ितों ने उनसे तीन बार मुलाकात की और अपना दर्द साझा किया है। उन्होंने कहा था कि वह (गजेंद्र सिंह शेखावत) एक कैबिनेट मंत्री हैं, क्या उन्हें शर्म नहीं है कि वह ढाई लाख लोगों का पैसा दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं? उनके लोग जेल में बैठे हैं। क्या उनके पास नैतिकता नहीं है? पीड़ितों से बात करना कर्तव्य है।
शिकायत में शेखावत ने गहलोत पर किया था हमला
मानहानि की शिकायत में कहा गया है कि आरोपी (अशोक गहलोत) द्वारा आम जनता, मतदाताओं और उसके रिश्तेदारों की नज़रों में शिकायतकर्ता की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से उक्त झूठे, अनावश्यक, अपमानजनक और मानहानिकारक बयान दिए गए हैं। शिकायतकर्ता गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह भी कहा कि आरोपी निराश है क्योंकि शिकायतकर्ता ने पिछले चुनाव में आरोपी के बेटे को भारी अंतर से हराया था और इस प्रकार शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपी द्वारा दिया गया बयान एक राजनीतिक प्रतिशोध है।