हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला आत्महत्या मामले पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। एक ओर बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय कह रहे हैं कि जो स्टूडेंट आतंकी के लिए नमाज पढ़ता हो, बीफ पार्टी करने की बात करता हो, वह कमजोर नहीं हो सकता। वह सुसाइड नहीं कर सकता। वहीं, सुषमा स्वराज ने कहा कि रोहित दलित था ही नहीं। कांग्रेस उपाध्यक्ष भी बयानबाजी के मामले में बीजेपी के नेताओं से पीछे नहीं है। उन्होंने रोहित वेमुला आत्महत्या मामले की तुलना महात्मा गांधी की हत्या से कर डाली है।
क्या बोले कैलाश विजयवर्गीय
रोहित वेमुला को ‘साहसी नौजवान’ बताते हुए भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शनिवार को कहा कि हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय का यह दलित रिसर्चर हॉस्टल से अपने संस्पेंड किए जाने की ‘छोटी..सी घटना’ के कारण खुदकुशी नहीं कर सकता था। विजयवर्गीय ने कहा, “रोहित वेमुला इतना कमजोर नौजवान नहीं था कि वो आत्महत्या कर ले। जो आतंकवादियों की फांसी का विरोध करे। जो सार्वजनिक रुप से यह कहे कि मुझे भगवा दिखता है तो ऐसा लगता है कि फाड़ दूं। जो सार्वजनिक रुप से यह कहे कि मैं बीफ पार्टी का आयोजन करुंगा। जो सार्वजनिक रुप से आतंकवादी विशेषकर याकूब मेनन की फांसी के विरोध के लिए नमाज अदा करे, वह व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है और आत्महत्या करते वक्त जो पत्र लिखता है उसमें किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराता। मुझे लगता है उसकी आत्महत्या के लिए वो लोग जिम्मेदार हैं जो लोग सिर्फ अपनी फेस सेविंग के लिए आंदोलन कर रहे हैं। जो मोदी जी को और सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।”
क्या बोलीं सुषमा स्वराज
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को कहा कि शोध छात्र रोहित वेमुला दलित नहीं था। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, स्वराज ने कहा कि मेरी पूरी जानकारी के अनुसार वो बच्चा दलित नहीं है। तथ्य यह है कि ये पूरी की पूरी बातचीत जो की गई या आरोप लगाए, वो आरोप पूरी तरह निराधार हैं।
राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की हत्या से तुलना की
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ‘उपर से एक विचार थोपकर’ छात्रों की भावना को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं। राहुल गांधी ने हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में रोहित वेमुला की आत्महत्या मामले में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘यहां बिल्कुल वही हुआ है जो महात्मा गांधी के साथ हुआ था।’ उन्होंने कहा, ‘गांधीजी की हत्या उन्हीं ताकतों ने की, जिन्होंने उनको वह सच बोलने नहीं दिया जो वह बोलना चाहते थे। यही बात रोहित वेमुला के साथ हुई है। वे लोग नहीं चाहते थे कि वह उस सच को बोले जो उसने संस्थान में देखा था।’ 30 जनवरी को महात्मा गांधी की बरसी थी।