Rohith Vemula Suicide Case: तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने कहा है कि रोहित वेमुला की आत्महत्या मामले की फिर से जांच की जाएगी। तेलंगाना सरकार के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने रोहित वेमुला आत्महत्या के मामले को फिर से खोले जाने के लिए तेलंगाना हाई कोर्ट में कानूनी नोट दायर किया है। उन्होंने कहा है कि हम इस मामले में शामिल किसी भी शख्स को नहीं छोड़ेंगे।

विक्रमार्क ने यह बयान बीजेपी की ओर से रामचंदर राव को प्रदेश अध्यक्ष बनाने को लेकर दिया। विक्रमार्क ने कहा कि बीजेपी को रामचंदर राव को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि वह 2016 में हुए रोहित वेमुला आत्महत्या मामले के आरोपियों में से एक थे।

विक्रमार्क ने कहा कि राव का प्रमोशन करके बीजेपी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जो भी दलितों और आदिवासियों के खिलाफ जाएगा, उसे पार्टी द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। विक्रमार्क ने कहा कि ऐसी नियुक्तियों पर न केवल पुनर्विचार होना चाहिए बल्कि देश से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।

रोहित वेमुला ने कर ली थी आत्महत्या

हैदराबाद विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्र रोहित वेमुला ने कथित तौर पर जातिगत भेदभाव के कारण आत्महत्या कर ली थी। पिछले साल तेलंगाना पुलिस ने अदालत में इस मामले में एक क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें रामचंदर राव सहित सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी गई थी।

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एएसए के सक्रिय सदस्य थे वेमुला

विक्रमार्क ने कहा कि वेमुला पीएचडी स्कॉलर थे और अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एएसए) के सक्रिय सदस्य थे। अपने साथ हो रहे भेदभाव के कारण, उन्होंने और उनके कुछ दोस्तों ने सोचा था कि वे दलितों के आत्मसम्मान और सामाजिक न्याय के लिए विश्वविद्यालय का ध्यान इस मुद्दे की ओर आकर्षित करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वेमुला इन मुद्दों के लिए लड़ रहे थे, तब बीजेपी के छात्र नेता सुशील कुमार ने एक झूठा मामला दर्ज कराया और विश्वविद्यालय प्रशासन पर उन लोगों पर मुकदमा चलाने, उन्हें निष्कासित करने का भारी दबाव बनाया।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के तत्कालीन एमएलसी रामचंदर राव अपने लोगों के साथ आए, धरना दिया, कुलपति से मिले और अधिकारियों को एएसए छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया, साथ ही झूठा मामला भी दर्ज कराया। विक्रमार्क ने कहा कि इस तरह के दबाव के कारण ही रोहित ने आत्महत्या कर ली।

विक्रमार्क ने कहा कि चिंताजनक बात यह है कि बीजेपी न केवल संविधान के विरुद्ध जा रही है बल्कि उसे बदलने की अपील भी कर रही है।

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