देश में सड़क सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत अत्याधुनिक वाहन प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना शुरू कर दी है। इन केंद्रों पर विदेशों की तर्ज पर आधुनिक उपकरणों के माध्यम से नए वाहन चालकों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे देश में सड़क हादसों में कमी लाने की उम्मीद है।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की इस पहल के तहत, पहले चरण में 20 ऐसे प्रशिक्षण केंद्रों को मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही 20 अन्य केंद्रों को भी स्वीकृति मिलने की संभावना है। सरकार की योजना है कि देश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक ऐसा केंद्र स्थापित किया जाए। मंत्रालय द्वारा तैयार की गई कार्य योजना के अनुसार, 2.5 करोड़ की आबादी पर एक अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र (IDTR) का प्रावधान किया गया है, जबकि छोटे शहरों के लिए यह दायरा एक करोड़ रखा गया है।
छोटे शहरों और दूरदराज के इलाकों के लोगों को भी मिलेगी सुविधा
इसके अलावा, जिला स्तरीय व्यवस्था में एक लाख की आबादी पर भी ऐसा केंद्र स्थापित करने की योजना है। इस दायरे से छोटे शहरों और दूरदराज के इलाकों तक भी इन प्रशिक्षण केंद्रों की पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी।
राज्यों का सहयोग और वित्तीय माडल : यह परियोजना केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्रालय राज्यों की सहायता से चला रहा है। केंद्र सरकार संबंधित राज्य को एक बार की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी, जबकि बाकी खर्च संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश को वहन करना होगा। राजस्थान, असम, ओड़ीशा, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इन योजनाओं पर काम चल रहा है।
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केंद्र सरकार ने इन केंद्रों की स्थापना के लिए यह अनिवार्य शर्त रखी है कि जिस जमीन पर यह केंद्र स्थापित किया जाएगा, उस पर किसी भी प्रकार का जमीनी विवाद या अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। हाल ही में योजना के दिशा-निर्देशों की समीक्षा कर उनमें कई बदलाव किए गए हैं ताकि इन केंद्रों की स्थापना तेजी और सुगमता से हो सके।
आधुनिक तकनीक और सख्त परीक्षा : इन प्रशिक्षण केंद्रों की एक मुख्य विशेषता यह होगी कि वाहन चालकों की परीक्षा स्वचालित मशीनों के माध्यम से ली जाएगी। इस जांच के बाद ही नियमानुसार किसी भी चालक को प्रशिक्षु या सामान्य लाइसेंस प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि ये केंद्र देश भर में वाहन सुरक्षा को बेहतर बनाएंगे और सड़क हादसों को कम करने में मददगार होंगे।
