Written by Upasika Singhal
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राजधानी दिल्ली में उच्च स्तरीय सड़क सुरक्षा केंद्र का उद्धघाटन करते हुए दावा किया कि अब देश की सड़कों पर हादसे में होने वाली मौतों में 50 फीसदी तक कमी आ जाएगी। गुरुवार को सेंटर फॉर एडवांसमेंट ऑफ रोड ट्रैफिक सेफ्टी (CARTS) को शुरू करते हुए उन्होंने बताया कि इसका मुख्य लक्ष्य है पूरे भारत में सड़क सुरक्षा परियोजनाओं को लागू करना और सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 50 फीसदी तक कमी लाना।
रोड एक्सीडेंट में हर साल देश में लगभग 1.5 लाख लोग गवां देते हैं जान
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के साथ मिलकर गैर-सरकारी संस्था सेव लाइफ फाउंडेशन शून्य मृत्यु दर गलियारा और शून्य मृत्यु दर जिला कार्यक्रम (Zero Fatality Corridor and Zero Fatality District programmes) चलाएगी। सेव लाइफ फाउंडेशन के अनुसार भारत में हर साल लगभग 1.5 लाख लोग रोड एक्सीडेंट में अपनी जान गंवा देते हैं। इसमें ज्यादातर पीड़ित निम्न मध्यम वर्ग के होते हैं और अपने घर के इकलौते कमाने वाले शख्स होते हैं। उनकी मौत के बाद उनका घर और परिवार पूरी तरह बिखर जाता है।
सड़क सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाएगा 4-ई मॉडल, क्या है मतलब
जानकारी के मुताबिक शून्य मृत्यु दर गलियारा मॉडल को पहले चरण में देश और राज्य के 16 सबसे खतरनाक माने जाने वाले हाई-वे और एक्सप्रेस-वे पर शुरू किया जाएगा। इस मॉडल में वैज्ञानिक विश्लेषण करके खतरनाक सड़क की पहचान कर उसे ठीक करने की शुरुआत की जाएगी। इस मॉडल में सड़क सुरक्षा के लिए 4-ई का इस्तेमाल किया जाएगा। इस 4-ई का मतलब इंजीनियरिंग, इंफोर्सिंग, इमरजेंसी केयर और इंगेजमेंट है।
सड़क हादसे में कमी लाने के लिए टेक्नोलॉजी और इनोवेशन बेहद महत्वपूर्ण
उच्च स्तरीय सड़क सुरक्षा केंद्र के उद्धघाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि भारत में सड़क हादसों में फौरन कमी लाई जाए। मौजूदा समय में समस्या की भयावहता और हम क्या हासिल करना चाहते हैं। इसे देखते हुए टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का प्रयोग बेहद महत्वपूर्ण है। इसको ध्यान में रखते हुए हम इस पहल का स्वागत करते हैं।” उन्होंने कहा कि वह इसे और सेंटर फॉर एडवांसमेंट ऑफ रोड ट्रैफिक सेफ्टी (CARTS) को अपना पूरा समर्थन देंगे।
नितिन गडकरी ने हाई टेक एक्सीडेंट एनालिसिस मशीन का विश्लेषण और उसकी जांच भी की। इसके साथ ही सड़क की लंबाई, मृत्यु संख्या, आपातकालीन देखभाल और इंजीनियरिंग से संबंधित जानकारी देने वाली ZFC डेटा डैशबोर्ड के हर पहलुओं की जानकारी ली।
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देश में साल 2016 से 2020 के बीच सड़क हादसों में आई कमी
सेव लाइफ फाउंडेशन के सीईओ पीयूष तिवारी ने बताया कि साल 2016 से 2020 के बीच इस मॉडल का इस्तेमाल करके सड़क हादसों में कमी लाई गई है। उन्होंने बताया कि इसके इस्तेमाल से ओल्ड मुंबई-पुणे हाइवे पर होने वाली दुर्घटनाओं में 63 फीसदी कमी आई है। वहीं मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर होने वाली दुर्घटनाओं में 52 फीसदी कमी दर्ज की गई है। वहीं साल 2019 से 2021 के बीच उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित यमुना एक्सप्रेसवे पर होने वाली दुर्घटनाओं में भी 38 फीसदी कमी आई है। इस मॉडल का मुख्य लक्ष्य है कि अगले 5 सालों में देश के 100 जिलों में 100 हाइवे पर दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों की दर में 50 फीसदी तक कम की जा सके।