RK Puram (Delhi) Election/Chunav Result 2025: आरके पुरम विधानसभा सीट नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में शामिल है। इस सीट पर पिछले दो विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का ही दबदबा रहा, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी यहां जीत की हैट्रिक लगाने से चूक गई। इस बार आरके पुरम से बीजेपी के अनिल कुमार शर्मा ने जीत हासिल की। उन्होंने आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार प्रमिला टोकस को हराया। बता दें कि इससे पहले अनिल कुमार शर्मा साल 2013 का विधानसभा चुनाव जीते थे।
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वहीं, 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार प्रमिला टोकस ने ही जीत दर्ज की थी। पिछले दो विधानसभा चुनाव में प्रमिला टोकस ने अनिल कुमार शर्मा को हराया था। इस साल भी एक बार फिर आम आदमी पार्टी ने प्रमिला टोकस को ही टिकट दिया और बीजेपी ने भी अपने पुराने चेहरे अनिल कुमार शर्मा पर दांव लगाया था। वहीं, यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार विशेष कुमार रहे।
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पार्टी | उम्मीदवार | वोट |
आप | प्रमिला टोकस | 28807 |
बीजेपी | अनिल कुमार शर्मा | 43260 (जीते) |
कांग्रेस | विशेष कुमार | 3079 |
बताना होगा कि दिल्ली में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं और इन सभी सीटों पर 5 फरवरी को वोट डाले गए थे और 8 फरवरी को वोटों की गिनती हुई। प्रमिला टोकस और अनिल शर्मा इस विधानसभा सीट पर पिछले तीन चुनाव में आमने-सामने आ चुके हैं और इस बार भी दोनों दिग्गज ने एक-दूसरे का मुकाबला किया।
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आरके पुरम में पिछले तीन चुनाव के नतीजे
2013 के विधानसभा के चुनाव में इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार अनिल कुमार शर्मा को जीत मिली थी। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी शाजिया इल्मी को हराया था। अनिल कुमार शर्मा को 28,017 वोट मिले थे जबकि शाजिया इल्मी 27,691 वोट हासिल कर सिर्फ 326 वोटों से चुनाव हार गई थीं।
2015 और 2020 में यहां से आम आदमी पार्टी के टिकट पर प्रमिला टोकस चुनाव जीतीं। 2015 में प्रमिला टोकस को 54645, बीजेपी उम्मीदवार अनिल कुमार शर्मा को 35577 वोट मिले थे। इस तरह प्रमिल टोकस 19068 वोटों से चुनाव जीती थीं।
2020 के चुनाव में प्रमिला टोकस को 47208, बीजेपी से अनिल कुमार शर्मा को 36839 वोट मिले थे। प्रमिला 10369 वोटों से विजयी रही थीं।
साल | विजेता उम्मीदवार | पराजित उम्मीदवार |
2013 विधानसभा चुनाव | अनिल कुमार शर्मा | शाजिया इल्मी |
2015 विधानसभा चुनाव | प्रमिला टोकस | अनिल कुमार शर्मा |
2020 विधानसभा चुनाव | प्रमिला टोकस | अनिल कुमार शर्मा |
दिल्ली के चुनावी इतिहास पर एक नजर
दिल्ली विधानसभा के पहले चुनाव 1993 में हुए थे। तब बीजेपी ने यहां सरकार बनाई थी। 1998 के चुनाव में कांग्रेस ने शीला दीक्षित के नेतृत्व में बीजेपी को हराकर सत्ता छीन ली। 1998 से लेकर 2013 तक, कांग्रेस ने दिल्ली की राजनीति में अपनी पकड़ बनाए रखी। शीला दीक्षित के नेतृत्व में पार्टी ने लगातार तीन विधानसभा चुनावों (1998, 2003, और 2008) में जीत दर्ज की।
केजरीवाल के नेतृत्व में आप ने बनाई गठबंधन सरकार
2013 में दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ, जब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन उसके पास बहुमत नहीं था। आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई, लेकिन यह सरकार सिर्फ 49 दिनों तक ही चली। अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे दिल्ली में फिर से चुनाव कराने पड़े।
2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए दिल्ली की राजनीति का रुख पूरी तरह बदल दिया। 2015 में पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया, जबकि 2020 में भी उसने 62 सीटों पर जीत दर्ज की। इन चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। पार्टी 2015 और 2020, दोनों चुनावों में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही।