आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के फेफड़ों में संक्रमण की शिकायत मिली है। उनकी हालत फिलहाल स्थिर है। रांची के रिम्स अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है। संस्थान के निदेशक डा. कामेश्वर प्रसाद का कहना है कि यह एक तरह का निमोनिया है। एम्स के लंग्स डिपार्टमेंट से उनकी बीमारी पर सलाह ली गई है। उनकी कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आई है। आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के शुक्रवार तक आने की संभावना है।

चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू यादव की पिछले माह मेडिकल रिपोर्ट जारी हुई थी। इसमें कहा गया है कि लालू को 16 प्रकार की बीमारियां हैं। उनकी किडनी फोर्थ यानि लास्ट स्टेज में है। उन्हें कभी भी डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है। लालू 23 दिसंबर 2017 से झारखंड की जेल में बंद हैं। वे पिछले ढाई साल से रिम्स में इलाज करा रहे हैं।

लालू को डाइबिटीज, ब्लड प्रैशर, ह्रदय रोग, किडनी में स्टोन, तनाव, थैलीसीमिया, प्रोस्टेट का बढ़ना, यूरिक एसिड का बढ़ना, ब्रेन से संबंधित बीमारी, कमजोर इम्युनिटी की भी समस्या है। उनके दाहिने कंधे के साथ पैर की हड्डी में भी दिक्कत है। आंखों में परेशानी होने की बात भी मेडिकल रिपोर्ट में कही गई थी।

ध्यान रहे कि लालू यादव की बीमारी को लेकर राजनीतिक गलियारों में अक्सर चर्चा होती रहती है। विपक्ष उनके इलाज पर गाहे बगाहे सवाल उठाता रहता है। विपक्ष का आरोप है कि लालू इलाज के बहाने रिम्स में आकर आराम करते हैं और वहीं से राजनीतिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं। पिछले दिनों एक आडियो वायरल भी हुआ था, जिसमें स्पीकर के चुनाव के लिए लालू पर एक विधायक पर दबाव डालने का आरोप लगा था।

तब भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इस मुद्दे को काफी उछाला था। विपक्ष आरोप लगाता है कि झारखंड में कांग्रेस समर्थित हेमंत सोरेन की सरकार है। इस वजह से लालू को वहां विशेष सुविधाएं मिल रही हैं। सरकार और रिम्स प्रशासन भी इस मसले पर काफी संजीदा है। यही वजह है कि लालू की देखरेख करने वाले चिकित्सक के मीडिया से बात करने पर रोक लगा दी गई है। रिम्स प्रशासन ने राजनीतिक बयानबाजी की वजह से ही यह कदम उठाया था।