बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी की एक किताब को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। बीजेपी नेता ने अपने पिता हेमवती नंदन बहुगुणा को लेकर दावा किया है कि इंदिरा गांधी से मतभेद के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी। यही नहीं रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि इंदिरा गांधी उनके पिता से डरती थीं।
रीता बहुगुणा जोशी ने अपनी किताब ‘हेमवती नंदन बहुगुणा: भारतीय जनचेतना के संवाहक’ में लिखा है कि इंदिरा गांधी को डर था कि उनके पिता उनसे प्रधानमंत्री की कुर्सी छीन लेंगे, इसलिए वो उनके खिलाफ साजिशें रचतीं थीं। बीजेपी नेता ने इंदिरा के साथ-साथ अमिताभ बच्चन, पूर्व पीएम वीपी सिंह, पूर्व राज्यपाल डॉ. राजेंद्र कुमारी बाजपेयी को लेकर अलग-अलग दावे किए हैं, जिसके कारण विवाद खड़ा हो रहा है।
रीता बहुगुणा जोशी ने दावा किया है कि पूर्व राज्यपाल डॉ. राजेंद्र कुमारी बाजपेयी कुछ अन्य नेताओं के साथ मिलकर इंदिरा गांधी को उनके पिता के खिलाफ भड़काती थीं। इन्होंने इंदिरा का कान भरा था कि बहुगुणा प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं और वो कभी भी उनसे उनकी कुर्सी छीन लेंगे।
वहीं अमिताभ बच्चन को लेकर रीता ने दावा कि वो सियासी मोहरा थे। उन्हें राजीव गांधी ने बहुगुणा की ताकत को देखते हुए इलाहाबाद से दोस्ती का हवाला देकर चुनाव लड़वाया था। इसलिए बीजेपी नेता ने अमिताभ को इस किताब में बेचारा कहा है।
वहीं वीपी सिंह को लेकर किताब में दावा किया गया है कि हेमवती नंदन बहुगुणा उन्हें सियासी कद में बौना मानते थे। उनका कहना था कि वीपी सिंह देश को नहीं संभाल सकते हैं। इसीलिए बहुगुणा वीपी सिंह के साथ नहीं गए थे।
इंदिरा गांधी को लेकर रीता बहुगुणा जोशी ने लिखा है कि वो संजय गांधी को सभी नेताओं पर थोपतीं थीं। इंदिरा गांधी किसी भी नेता पर विश्वास नहीं करतीं थीं। वो उनके पिता को लेकर आशंकित रहती थीं, उन्हें ये भी शक था कि उनका चुनाव भी बहुगुणा ने ही रद्द करवाया था। रीता ने दावा किया है कि उनके पिता और इंदिरा के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। बहुगुणा ने 1980 के चुनाव में तीस लोगों के लिए टिकट मांगा था, लेकिन इंदिरा ने मना कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी। पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जिसमें इंदिरा गांधी ने उनके पिता के खिलाफ 34 चुनावी संभाएं की थीं लेकिन फिर भी उनके पिता जीत गए थे।
बता दें कि इस किताब का विमोचन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू करने वाले हैं। कहा ये जा रहा है कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाली रीता बहुगुणा जोशी इस किताब के जरिए सियासी फायदा उठाना चाहती हैं। क्योंकि उनका बेटा यूपी चुनाव से पहले सपा में शामिल हो चुका है और विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ रीता बहुगुणा जोशी की नाराजगी भी सामने आई थी। हालांकि रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि किताब में जो कुछ भी लिखा गया है वो सच है।