Lalu Yadav Mamata Banerjee INDIA Alliance: बीजेपी और नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता से हटाने के मकसद से बना इंडिया गठबंधन आपसी लड़ाई में उलझता दिख रहा है। साल 2023 में कांग्रेस के नेतृत्व में 26 विपक्षी दलों ने यह गठबंधन बनाया था। इसका पूरा नाम इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस है। यह गठबंधन लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को अच्छा प्रदर्शन करने से रोकने में कामयाब रहा था और माना गया था कि यह बीजेपी और एनडीए के लिए चुनौती बनेगा। लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र में हार के बाद गठबंधन में कांग्रेस के खिलाफ आवाज उठती दिख रही है।
बात यहां तक पहुंच गई है कि इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस से छीनकर किसी और नेता को दे दिया जाना चाहिए।
ऐसे में इस गठबंधन की कयादत कौन करेगा, इस पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। एक बात तय है कि अगर इस गठबंधन के नेता आपस में लड़ते रहे तो वे बीजेपी और नरेंद्र मोदी सरकार के सामने कोई बड़ी चुनौती पेश नहीं कर पाएंगे।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा था, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसका साथ छोड़कर एनडीए के साथ चले गए थे। लोकसभा चुनाव के दौरान भी इस गठबंधन में दरारें साफ दिखाई दी थी क्योंकि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी ने इस गठबंधन को एक भी सीट नहीं दी थी। ऐसा ही कुछ पंजाब में हुआ था जहां पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़े थे हालांकि हरियाणा और दिल्ली में दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था।
लोकसभा चुनाव के बाद हुए हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अनुकूल राजनीतिक माहौल के बाद भी कांग्रेस इस राज्य को नहीं जीत सकी। समाजवादी पार्टी हरियाणा में कांग्रेस से कुछ सीटें चाहती थी। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने भी कुछ सीटों की मांग कांग्रेस से की थी लेकिन कांग्रेस ने हरियाणा में इन दलों को एक भी सीट नहीं दी और बहुत मुश्किल से वह वाम दलों को एक सीट देने पर राजी हुई। कांग्रेस हरियाणा हार गई।
महाराष्ट्र में कांग्रेस ने MVA गठबंधन का नेतृत्व किया लेकिन यहां भी उसका प्रदर्शन खराब रहा और इसके बाद से ही वह सहयोगी दलों के निशाने पर आ गई है। जबकि झारखंड में हेमंत सोरेन और जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला ने इस गठबंधन की अगुवाई करते हुए बीजेपी और एनडीए को इन राज्यों में सत्ता में आने से रोक दिया।
जम्मू कश्मीर में भी कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और वह पूरे राज्य में गठबंधन में चुनाव लड़ने के बावजूद सिर्फ 6 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी। इस तरह इन चार राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने को लेकर कांग्रेस पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए।
दूसरी ओर बीजेपी ने जम्मू में अकेले चुनाव लड़ते हुए 29 सीटें जीती और हरियाणा में सभी चुनावी पंडितों को फेल करते हुए जीत दर्ज की। महाराष्ट्र में तो उसने हैरान कर दिया और 132 सीटें जीत ली। इस राज्य में उसका स्ट्राइक रेट 89% रहा। यहां उसने महायुति के दलों की अगुवाई की और राज्य में बड़े बहुमत के साथ सरकार बनाई। हालांकि झारखंड में उसका प्रदर्शन खराब रहा।
कांग्रेस के हाथ से छिनेगी इंडिया गठबंधन की कमान? ममता के समर्थन में उतरे TMC सांसद

ममता के बाद बोले लालू यादव
इंडिया गठबंधन के नेताओं के बीच ताजा विवाद कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक बयान के बाद शुरू हुआ। ममता बनर्जी ने संकेत दिया कि वह इस गठबंधन की लीडरशिप संभाल सकती हैं। हाल ही में सपा के राज्यसभा सांसद जावेद अली खान ने तो यहां तक कह दिया था कि यह गठबंधन क्या सिर्फ मीडिया में ही है?
ममता और सपा के बाद गठबंधन की अगुवाई कर रही कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका लालू प्रसाद यादव ने दिया है। लालू प्रसाद यादव इंडिया गठबंधन से पहले यूपीए गठबंधन के दौर में भी कांग्रेस के साथ हमेशा खड़े रहे और कांग्रेस की हिमायत करते रहे। लेकिन महाराष्ट्र की हार के बाद लालू यादव ने भी इस बात को कह दिया है कि ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन की कमान सौंप दी जानी चाहिए।
बिहार में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं और शायद लालू प्रसाद यादव यह बयान देकर कांग्रेस पर इस बात के लिए दबाव बनाना चाहते हों कि बिहार में कांग्रेस आरजेडी से ज्यादा हिस्सेदारी ना मांगे। पिछली बार के बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन में चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था।
ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन की कमान देने की मांग का समर्थन लालू प्रसाद यादव के द्वारा किए जाने के बाद निश्चित तौर पर कांग्रेस को अपनी रणनीति के बारे में फिर से सोचना होगा। उसे राज्यों में अपने संगठन को मजबूत करते हुए आगे बढ़ना होगा।
इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने भी कहा था कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी सक्षम नेता हैं और उन्हें विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने की अपनी इच्छा व्यक्त करने का अधिकार है।
सपा ने MVA से निकलने का किया ऐलान
महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों के बाद सपा और कांग्रेस के बीच रिश्ते बिगड़ गए। सपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आजमी ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे की पार्टी के एक नेता ने बाबरी मस्जिद को गिराए जाने की सराहना की है। इसके बाद सपा ने महा विकास अघाड़ी (MVA) से बाहर निकलने का ऐलान कर दिया। लेकिन दूसरी ओर यूपी में सपा और कांग्रेस साथ हैं।
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2014 से लगातार कमजोर हो रही है कांग्रेस
कांग्रेस 2014 से लगातार कमजोर हो रही है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में वह क्रमश: 44 और 52 सीटें ही जीत सकी। उसके बाद कई राज्यों में उसे हार मिली। मौजूदा वक्त में वह सिर्फ तीन राज्यों में ही अपने दम पर सरकार चला रही है।
लेकिन यह बात भी सच है और इसे स्वीकार करना ही पड़ेगा कि इंडिया गठबंधन के अंदर कांग्रेस ही एक ऐसा दल है जो पैन इंडिया पार्टी है। यानी जिसका भारत के हर राज्य में संगठन है। तीन राज्यों में सरकार है और कुछ राज्यों में वह इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के साथ सत्ता में भी भागीदार है लेकिन यह भी सच है कि 2014 के बाद से ही उसकी नेतृत्व क्षमता पर कई बार सवाल खड़े हो चुके हैं।
सवाल फिर वही खड़ा होता है कि क्या इस गठबंधन में शामिल दल गठबंधन की कमान कांग्रेस से छीन लेना चाहते हैं। क्या आने वाले दिनों में इस गठबंधन में शामिल कुछ और दल कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ममता बनर्जी को इसकी कमान देने की मांग करेंगे। अगर ऐसा हुआ तो इससे कांग्रेस की स्थिति निश्चित रूप से कमजोर ही होगी।
इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने के मामले में ममता बनर्जी को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने क्या कहा, क्लिक कर पढ़िए खबर।