जम्मू कश्मीर में आतंकियों द्वारा अपहरण करके मार दिए गए भारतीय सेना के जवान औरंगजेब के पिता ने भारतीय सेना को उनके बेटे के हत्यारे आतंकियों को मारने के लिए 72 घंटे का वक्त दिया है। शहीद राइफलमैन औरंगजेब के पिता ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “भारत सरकार को उन आतंकियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने से कौन रोक रहा है, जिन्होंने मेरे बेटे को मार दिया। यदि सरकार अगले 72 घंटों में कोई कारवाई नहीं करती है तो फिर मैं खुद औरंगजेब की मौत का बदला लूंगा।”
शहीद सैनिक के पिता ने उनके बेटे की मौत पर राजनीति करने वाले नेताओं और अलगाववादी नेताओं की भी जमकर आलोचना की। शहीद सैनिक के पिता का कहना है कि औरंगजेब की मौत ना सिर्फ उनके परिवार के लिए झटका है, बल्कि भारतीय सेना के लिए भी बड़ा झटका है, जिसकी वह सेवा कर रहा था और जम्मू कश्मीर राज्य के लिए भी, जहां का वह निवासी था। जम्मू कश्मीर सवाल पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि साल 2003 से सरकार अब तक घाटी से आतंकियों का सफाया क्यों नहीं कर सकी है? औरंगजेब के पिता ने कहा कि जब केन्द्र में नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आयी थी, तो उन्हें लगा था कि अब हालात कुछ बदलेंगे, लेकिन अभी तक कुछ खास नहीं बदला है। मैं मांग करता हूं कि अलगाववादी नेताओं और जो उनके बेटे की मौत पर राजनीति कर रहे हैं उन्हें कश्मीर से बाहर कर देना चाहिए। सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को आतंकियों के घाटी सफाए के लिए में सख्त से सख्त कदम उठाने चाहिए।
बता दें कि जम्मू कश्मीर के पुंछ में रहने वाले राइफलमैन औरंगजेब भारतीय सेना की 23 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे और छुट्टियों पर अपने घर आते हुए आतंकियों ने उन्हें अगवा कर लिया। जिसके बाद गुरुवार को उनकी गोलियों से छलनी लाश पुलवामा जिले के गुसु गांव से बरामद की गई थी। दरअसल औरंगजेब खूंखार आतंकी और हिजबुल कमांडर समीर टाइगर का एनकाउंटर करने वाली टीम के सदस्य थे और माना जा रहा है कि इसी के चलते आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी। बता दें कि औरंगजेब के परिवार का सेना में सेवा देने का इतिहास रहा है। औरंगजेब के पिता भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, वहीं औरंगजेब के चाचा सेना में सेवा के दौरान शहीद हो चुके हैं। औरंगजेब का भाई भी सेना में है। आज पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद औरंगजेब को अंतिम संस्कार किया कर दिया गया।