केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम नरेगा (NREGA) के तहत नई मजदूरी दरों को अधिसूचित किया है। 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 21 राज्यों में 5 फीसदी से कम और 10 राज्यों में 5 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। तीन राज्यों (मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा) की मजदूरी दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। 2022-23 के लिए 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नरेगा मजदूरी को 4 रुपये से लेकर 21 रुपये प्रति दिन की सीमा तक बढ़ाया गया है। बढ़ी हुई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी।

31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में (जिन्होंने मजदूरी में वृद्धि देखी) गोवा में अधिकतम 7.14% की वृद्धि दर्ज की गई है। 2021-22 में प्रति दिन 294 रुपये से बढ़ाकर 2022-23 में 315 रुपये प्रति दिन मजदूरी का रेट हो गया है। सबसे कम 1.77% की वृद्धि मेघालय में हुई है जहां नई मजदूरी दर मौजूदा 226 रुपये प्रति दिन से 230 रुपये प्रति दिन तय की गई है।

मेघालय के अलावा दो अन्य राज्यों (अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड) में भी नरेगा मजदूरी में 2 फीसदी से कम की वृद्धि देखी गई है। असम, तमिलनाडु और पुडुचेरी में NREGS की मजदूरी में 2-3 फीसदी की वृद्धि की गई है। महाराष्ट्र, ओडिशा, दादरा एंड नगर हवेली और दमन एंड दीव में मजदूरी में 3-4 फीसदी की वृद्धि की गई है। जबकि गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह, पंजाब, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 4-5 फीसदी की वृद्धि की गई है।

केवल 10 राज्यों में 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई है। इन राज्यों में हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, जम्मू और कश्मीर, लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक और गोवा शामिल है।

नरेगा मजदूरी दर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों के लिए प्रति दिन 213 रुपये, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के लिए 216 रुपये, ओडिशा के लिए 222 रुपये, पश्चिम बंगाल के लिए 223 रुपये और जम्मू और कश्मीर के लिए 227 रुपये है। मनरेगा मजदूरी दरें CPI -AL (Consumer Price index- Agriculture labour) में बदलाव के अनुसार तय की जाती हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति में वृद्धि को दर्शाती है।