जम्मू कश्मीर में भाजपा के साथ गठबंधन में सत्ता संभालने के एक दिन बाद सत्तारूढ़ पीडीपी ने सोमवार को केंद्र की राजग सरकार से मांग की कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु के अवशेष लौटाए जाएं। पीडीपी के आठ विधायकों ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा कि पार्टी अवशेषों की वापसी के लिए पूरी ताकत से लगे रहने का वादा करती है। अफजल गुरु को नौ फरवरी, 2013 को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी।
पीडीपी के बयान के मुताबिक,‘पीडीपी गुरु के अवशेष वापस करने की अपनी मांग पर कायम है। पार्टी अवशेषों की वापसी के लिए पूरी ताकत से लगे रहने का वादा करती है।’ इस बयान पर हस्ताक्षर करने वाले विधायकों में मोहम्मद खलील, जहूर अहमद मीर, रजा मंजूर अहमद, मोहम्मद अबास वानी, यावर दिलावर मीर, वकील मोहम्मद यूसुफ, एजाज अहमद मीर और नूर मोहम्मद शेख हैं। बयान के मुताबिक,‘पीडीपी ने हमेशा कहा है कि अफजल गुरु को फांसी पर लटकाना न्याय का मजाक था।
उसे फांसी देने में संवैधानिक जरूरतों और प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।’ बयान के मुताबिक,‘हमारा मानना है कि निर्दलीय विधायक राशिद अहमद का दिवंगत अफजल गुरु के लिए क्षमादान का प्रस्ताव जायज था। सदन को उस समय इसे स्वीकार कर लेना चाहिए था।’
साल 2011 में इस बाबत एक प्रस्ताव पर जम्मू कश्मीर विधानसभा में हंगामे के चलते चर्चा नहीं हो सकी थी। यह प्रस्ताव बाद में निष्प्रभावी हो गया क्योंकि नियमों के मुताबिक सदन में सूचीबद्ध किसी काम पर चर्चा नहीं होने पर वह निष्प्रभावी हो जाता है।