असहिष्णुता पर बहस को नई शुरुआत देते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि यह ‘खतरनाक’ स्थिति में पहुंच गया है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूली पाठ्यपुस्तकों में इतिहास को तोड़मरोड़ कर भारत को एक ‘हिन्दू राष्ट्र’ में बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पवार ने यहां वाई बी चव्हाण सभागार में देश भर के 70 इतिहासकारों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उनसे अगली पीढ़ी के वास्ते एकसाथ होने और ‘सच्चाई लिखने’ का आग्रह किया।
पवार ने यहां अपने संबोधन के बाद ट्वीट किया, ‘इतिहासकार मौजूदा माहौल में असहिष्णुता को लेकर चिंतित हैं। यह काफी खतरनाक है। जिस तरीके से हिन्दू राष्ट्र के विचार को बढ़ावा दिया जा रहा है, वह देश की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।’ राकांपा प्रमुख ने कहा कि इतिहासकारों के साथ उनकी बैठक सिर्फ पहला कदम है और आंदोलन को जीवित रखने के लिए विभिन्न समूहों का आयोजन कर वह इस मुद्दे को आगे ले जाएंगे।
The manner in which the idea of #Hindu #Rashtra is being promoted can prove to be harmful to the unity and integrity of the nation.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) February 5, 2016
I am happy that the section of historians & intellectuals have decided to open up and speak in the interest of the society.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) February 5, 2016
अपने संबोधन में पवार ने आरोप लगाया कि युवाओं के बीच जागरूकता पैदा किए जाने की आवश्यकता है कि कुछ लोग समाज में जहर फैलाने के लिए उन्हें दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग स्कूली पाठ्यपुस्तकों में इतिहास को तोड़मरोड़ कर भारत को एक हिन्दू राष्ट्र में बदलने के इरादे से काम कर रहे हैं। यह खतरनाक साबित होगा क्योंकि यह देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने को नुकसान पहुंचाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘आलेख लिखे जाने की आवश्यकता है, इस मुद्दे पर बहस की जानी चाहिए क्योंकि यह एक गंभीर मुद्दा है।’