तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। रिपब्लिक टीवी पर इस विषय पर चर्चा के दौरान एंकर अर्णब गोस्वामी ने पैनलिस्ट से कहा कि इस कानून को डेढ़ साल तक के लिए टाल दिया गया है। यानी अब विरोध करने के लायक कुछ बाकी नहीं है, लेकिन अगर आपको मनमानी करनी है, रास्ते में बैठना है तो फिर आप करिये। सारे लोग कह रहे हैं कि कानून तो है ही नहीं, तो फिर इन्हें बैठा कर क्यों रखा है? कानून ही नहीं है, कमेटी ही नहीं बनी, तो फिर विरोध किस चीज का कर रहे हैं मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है। विरोध किसी चीज का होता है लेकिन जो है ही नहीं उसका क्या विरोध करना।

इसपर पैनलिस्ट ने कहा कि अगर कोई सरकार अच्छा काम करती है तो इसका क्रेडिट भी उसी को जाता है। लेकिन अगर कुछ कमी होती है तो उसका दोष भी उसी पर जाता है। इसपर अर्णब गोस्वामी ने पैनलिस्ट को बीच में टोकते हुए कहा कि ये कानून है ही नहीं। इसको सरकार ने डेढ़ साल तक के लिए टाल दिया है। अर्णब गोस्वामी बार-बार अपनी यह बात दोहरा रहे थे। इसपर शो में मौजूद पैनलिस्ट ने कहा कि आग गलत बता रहे हैं, मैं वकील हूं,,,,आप गलत जानकारी दे रहे हैं। कानून अभी मौजूद है।

बहरहाल आपको बता दें कि तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच खींचतान जारी है। किसान किसी भी कीमत पर पीछे हटने के तैयार नहीं है। 11 दौर की बातचीत किसानों औऱ सरकार के बीच हो चुकी है लेकिन इस आंदोलन का कोई नतीजा नहीं निकला है।

26 जनवरी को नाराज किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकालने की बात कही है। किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर प्रशासन द्वारा तय रूट पर गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ किया है कि 26 जनवरी के बाद भी उनका आंदोलन जारी रहेगा।