शराब की खाली बोतलों से वातावरण को लगातार नुकसान पहुंचने की शिकायत के बाद आबकारी विभाग इस समस्या से निजात पाने की दिशा में काम कर रहा है। खबर के मुताबिक विभाग ने बोतलों पर बार कोड के साथ खरीदारों के आधार नंबर को जोड़ने की योजना बनाई है ताकि खाली बोलते को लापरवाही से छोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
सार्वजनिक स्थानों पर शराब की बोतलों से छुटकारा पाने के उपायों का एक प्रस्ताव रखते हुए मंगलुरू स्थित राष्ट्रीय परिषद समरक्षण ओकोटा ने आबकारी विभाग के समक्ष एक योजना पेश की। सुझावों को स्वीकार करते हुए विभाग ने ओकोटा को आश्वासन दिया था कि वह विभागीय स्तर पर चर्चा करने के बाद सुझावों को अपनाया।
आबकारी विभाग के सचिव के साथ आबकारी आयुक्त को निर्देश देते हुए कि शराब के आधार नंबर को जोड़ने पर एक विस्तृत राय प्रस्तुत करें, विभाग ने एक प्रणाली लागू करने की योजना बनाई है जिसमें बोतल बेचने वाली शराब की दुकान पर छोड़ी गई या टूटी बोतल पर बार कोड को स्कैन करके नियमों का पालन ना करने वाले लोगों का पता लगाया जाएगा। आधार एंट्री के आधार पर दुकान या खरीदार की पहचान की जाएगी और एक कठोर जुर्माना लगाया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि सभी दुकानें शराब की बिक्री की एक लिस्ट रखेंगी, जिसमें हर ग्राहक का आधार या मोबाइल नंबर पंजीकृत होगा। जिससे बार कोड को स्कैन करने से बैच नंबर और पॉइंट ऑफ सेल का पता लगाने में मदद मिलेगी।
आबाकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘प्रस्ताव पर अभी चर्चा चल रही है और निर्णय लेने से पहले विभिन्न हितधारकों से सलाह ली जाएगी। इसमें नई बोतल खरीदने के लिए ग्राहकों को खाली बोतलें लौटाने के लिए बाध्य किया जा सकता है।

