सोमवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन एक कुत्ते को कार में लेकर संसद परिसर पहुंचीं रेणुका चौधरी ने अब एक और विवाद को जन्म दिया है। उन्होंने मंगलवार को न्यूज एजेंसी IANS से बातचीत में कहा कि फौज के लीडर्स पर जुल्म किया जा रहा है, उन्हें जबरदस्ती सरकार के समर्थन में बयान देना पड़ रहा है।

रेणुका चौधरी ने मंगलवार को IANS से कहा, “सबसे भयानक परिस्थिति ये है कि फौज के लीडर्स पहली बार बाहर आकर मीडिया में बोल रहे हैं। उनपर जुल्म किया जा रहा है, जबरदस्ती उनको बाहर आकर सरकार के समर्थन में बयान देना पड़ रहा है। बहुत खतरनाक है, पहले वहां जाकर देख लीजिए।”

हालांकि जब रेणुका  के इस बयान पर विवाद बढ़ा तो उन्होंने थोड़ी देर बाद ही यू-टर्न लेने वाला बयान दे दिया। रेणुका चौधरी ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि किसी ने आर्मी ऑफिसर्स पर दबाव डाला।

रेणुका चौधरी ने कहा, “मैं एक फौजी बेटी हूं, मेरे पिताजी फौज में थे, हमारे परिवार से कई लोग फौज में रहे, तो मैं जो कहती हूं… आप सोच समझकर मुझसे सवाल करिए… मैंने ये नहीं कहा कि किसी A,B,C ने उन्हें प्रेशर किया…”

‘आर्मी देश की रीड की हड्डी’

कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, “मैंने कहा कि आर्मी को कभी मीडिया के सामने आना भी नहीं है, वह हमारी शान हैं, वह कुर्बान होते हैं अपने देश के लिए शहीद हो जाते हैं। वह इस देश की रीड की हड्डी हैं, उनसे प्लीज खिलवाड़ मत कीजिए।”

रेणुका चौधरी ने कहा, ” मैं इस मुद्दे पर बोलना भी नहीं चाहती हूं। हम आर्मी के लिए ऐसा नहीं चाहते हैं, कृपया उन्हें उनका सम्मान कीजिए और उन्हें सेल्यूट कीजिए… मैं कह रही हूं कि आर्मी पर कोई प्रेशर नहीं करना है और न ही कर सकते। ये अलग तरीका है कि लोग आकर मीडिया में बयान दे रहे हैं, गलत बात है।”

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