सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को विवादास्पद फिल्म आदिपुरुष के खिलाफ अलग-अलग हाईकोर्ट्स में लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी। महाकाव्य रामायण से प्रेरित आदिपुरुष” की उसके डायलाग्स के लिए आलोचना हो रही है। जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने मामले में पक्षकारों को नोटिस जारी किया। आदिपुरुष के मेकर्स की तरफ से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने पैरवी की।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 जून को फिल्म के निर्माताओं को 27 जुलाई को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था। अदालत ने केंद्र सरकार से फिल्म पर अपने विचार देने के लिए एक समिति बनाने को कहा था। अदालत फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली कुलदीप तिवारी और नवीन धवन की अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
हाईकोर्ट ने कहा था- कुरान को गलत तरीके से पेश करके तो दिखाओ, पता चल जाएगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस इस बात से आहत थे कि रामायण का मजाक बनाया गया। निर्माताओं ने अपने फायदे के लिए ये भी नहीं सोचा कि राम, सीता और हनुमान जी हिंदुओं के आराध्य हैं। कोर्ट का यहां तक कहना था कि कुरान का एक बार मजाक बनाकर तो दिखाओ, असलियत पता चल जाएगी।
एक आदेश में उसने सरकार को फिल्म को प्रमाणपत्र देने के फैसले की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के अध्यक्ष अपने व्यक्तिगत हलफनामे दाखिल कर बताएंगे कि सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए फिल्म के प्रमाणन के लिए दिशानिर्देशों का पूर्ण रूप से पालन किया गया है या नहीं।
ध्यान रहे कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से पेशी का समन मिलने के बाद आदिपुरुष के मेकर्स ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से अपील की थी कि उनके मामले की तुरंत सुनवाई की जाए। सीजेआई ने उस दिन उनको कहा था कि वो अगले दिन आकर अपनी दरख्वास्त सुप्रीम कोर्ट में दें। इलाहाबाद हाईकोर्ट केस अलावा राजस्थान, पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में भी आदिपुरुष पर बैन लगाने की याचिकाएं लंबित हैं।