राज्यसभा से इस बार 60 सांसद रिटायर हुए, लेकिन इनमें से 20 दोबारा चुनकर वापस आ गए हैं। वहीं जो 40 सांसद रिटायर हुए हैं उनमें से कुछ सांसद ऐसे हैं जिन्होंने अपने छह साल के कार्यकाल में एक भी सवाल नहीं पूछा और एक भी बिल नहीं पेश किया। इसके अलावा कई सांसदों की उपस्थिति भी काफी कम रही। अमर उजाला के मुताबिक कम उपस्थिति की लिस्ट में सबसे पहला नंबर आता है बॉलीवुड एक्ट्रेस रेखा, पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपरस्टारक के चिरंजीवी का। अपने पूरे कार्यकाल में रेखा की उपस्थिति मात्र 5 फीसदी रही तो वहीं राज्यसभा में तेंदुलकर की उपस्थिति महज 8 फीसदी रही, जबकि चिरंजीवी की उपस्थिति 32 फीसदी रही। रेखा, चिरंजीवी और के पारासरन ने अपने कार्यकाल में एक भी सवाल नहीं पूछा। सबसे ज्यादा रुचिकर बात यह है कि 90 वर्षीय कानून के जानकार पारासरन की उपस्थिति 81 फीसदी रही, लेकिन उन्होंने एक भी सवाल नहीं पूछा और न ही कोई बिल पेश किया।
यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान पारासरन और रेखा को नामित किया गया था वहीं चिरंजीवी कांग्रेस की टिकट पर आंध्र प्रदेश से आए थे। वहीं उपस्थिति के मामले में रिटायर हुए राकांपा सांसद डीपी त्रिपाठी का प्रदर्शन काफी शानदार रहा। उनकी उपस्थिति 99 फीसदी रही। उन्होंने 49 चर्चाओं में हिस्सा लिया और 320 सवाल भी पूछे। साथ ही उन्होंने एक प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश किया। त्रिपाठी ने कांग्रेस नेता और राज्यसभा उपसभापति प्रो. पीजे कुरियन को भी पीछे छोड़ दिया। कुरियन का राज्यसभा में यह तीसरा कार्यकाल था और उन्होंने 95 बैठकों में हिस्सा लिया। इसके अलावा अपने कार्यकाल में उन्होंने 2 बिल पेश किए और 35 चर्चाओं में हिस्सा लिया। साथ ही कुरियन ने 150 सवाल भी पूछे।
उपस्थिति के मामले में सबसे शीर्ष स्थान छाया वर्मा का है। राज्यसभा में छत्तीसगढ़ से कांग्रेस सांसद छाया वर्मा की उपस्थिति 100 फीसदी है। 100 फीसदी उपस्थिति वाले क्लब में 2014 में पहली बार राज्यसभा सांसद बने बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्य नारायण जटिया और 2009 में रिटायर हुए समाजवादी पार्टी के नेता बलिहारी बाबू भी शामिल हैं। जटिया ने पिछले चार साल के कार्यकाल में 55 चर्चाओं में हिस्सा लेते हुए 373 सवाल पूछे, हालांकि बलिहारी बाबू ने न कोई सवाल पूछा और न ही कोई बिल पेश किया था।

