रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर एक करोड़ रुपए का आर्थिक जुर्माना लगाया है। बैंक पर कर्ज से लदी संपत्तियों की बिक्री और फ्रॉड के मामलों को दर्ज करने से जुड़े नियमों के उल्लंघन करने पर ये जुर्माना लगाया गया है। इसके पहले, आरबीआई ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर भी एक करोड़ रु का जुर्माना लगाया था।
केंद्रीय बैंक ने अपने एक बयान में कहा कि जांच के दौरान पाया गया कि शुरुआती चेतावनी संकेतों के होने के बावजूद एक खाते को खतरे की श्रेणी (रेड फ्लैग) के रूप में वर्गीकृत करने से जुड़े नियमों का पालन सही तरीके से नहीं किया गया। बैंक को आगाह करने के बाद भी सालाना रिपोर्ट में सिक्योरिटी रीसीप्ट्स के खुलासे से जुड़े प्रावधानों को उल्लंघन किया गया, जिसके बाद रिजर्व बैंक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर आर्थिक जुर्माना लगाया है।
आरबीआई द्वारा कहा गया है कि बैंक के खिलाफ ये कार्रवाई पूरी तरह से रेगलुटर की तरफ से जारी नियमों के अनुपालन से जुड़ी है और इसका यूनियन बैंक के किसी ट्रांजैक्शन या एग्रीमेंट से कोई लेना-देना नहीं है। बैंक ने अपने ग्राहकों के साथ जो भी करार किया है और जो भी सेवाएं देने का नियम है, वह पहले जैसे ही चलता रहेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई ने यूनियन बैंक की साल 2019 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में जांच शुरू की थी, जिसमें केंद्रीय बैंक ने पाया कि यूनियन बैंक ने कुछ नियमों का पालन नहीं किया है। आरबीआई के मुताबिक, शुरुआती चेतावनी के बाद भी खतरे की श्रेणी वाले खाते का सही तरीके से क्लासिफिकेशन नहीं किया गया।
केंद्रीय बैंक ने यूनियन बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और पूछा कि आखिर क्यों उस पर आरबीआई के निर्देशों के उल्लंघन के लिए जुर्माना नहीं लगाना चाहिए। बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद आरबीआई ने उस पर एक करोड़ रु का आर्थिक जुर्माना लगाने का फैसला किया। इसके पहले, केंद्रीय बैंक ने एसबीआई पर बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन करने पर एक करोड़ रु का जुर्माना लगाया था।