रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने राजनीति में आने की अटकलों को खारिज कर दिया है। सोमवार (27 नवंबर) को उन्होंने कहा कि वो प्रोफेसर बनकर काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि वो जो चाहते हैं, उस पेशे को पाकर बहुत खुश हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी की तरफ से आपको राज्य सभा में भेजे जाने का प्रस्ताव मिला है तो उन्होंने कहा कहा, नो कमेंट्स। उन्होंने साफ किया कि किसी ने क्या ऑफर किया है, इस पर वो कुछ टिप्पणी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “जब मैं आरबीआई में था तो कुछ लोग मुझे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) भेजना चाहते थे और अब जब मैं फिर से प्रोफेसर बन गया हूं तो लोग मुझे कहीं और देखना चाहते हैं। मैं प्रोफेसर बनकर काफी खुश हूं।”

राजनीति में जाने की संभावनाओं पर राजन ने कहा, “मेरा जवाब नहीं है। राजनीति के मुद्दे पर मेरी पत्नी ने बहुत ही साफ तौर पर मुझे ना कहा है।” कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली से रघुराम राजन को राज्य सभा में भेजने के लिए उनसे संपर्क किया था, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया। टाइम्स लिचरेरी फेस्टिवल में दिखाए गए राजन के रिकॉर्डेड इंटरव्यू में रघुराम राजन ने इस मसले पर ज्यादा नहीं कहते हुए कहा कि फिलहाल वो एक किताब पर काम कर रहे हैं।

इसके अलावा रघुराम राजन ने अन्य गंभीर मुद्दों पर भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने पॉपुलिस्ट नेशनलिज्म यानी लोकलुभावन राष्ट्रवाद को आर्थिक विकास के लिए हानिकारक बताया। उन्होंने कहा, “पॉपुलिस्ट नेशनलिज्म आमतौर पर यह बहुसंख्यक समुदाय में आपसी भेदभाव पैदा करने को लेकर उन्हें उत्तेजित करता है और लोग इसका फायदा उठाते हैं।” राजन ने कहा, “देश में आरक्षण का मुद्दा इसी का एक जीता-जागता उदाहरण है।” उन्होंने कहा कि लोकलुभावन राष्ट्रवाद दुनियाभर में छाया है। भारत भी इससे बचा हुआ नहीं है।

राजन ने कहा, यह जरूरी है कि देश में नौकरियों की समस्या को सुलझाया जाए। बहुसंख्यक समुदाय की शिकायतों को बढ़ा-चढ़ा कर नहीं कहा जा सकता, क्योंकि अल्पसंख्यक काफी समय से भेदभाव का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, राष्ट्रवाद देशभक्ति नहीं है, क्योंकि ये बांटता है जो कि खतरनाक है। जीएसटी के मुद्दे पर राजन ने कहा कि शुरुआती कुछ समस्याओं के बावजूद यह लंबे समय के लिए अच्छा है। उन्होंने इसकी कुछ खामियों को दूर करने पर जोर दिया है।