आमतौर पर आपको फोन कॉल आते हैं कि आपको तुरंत आसानी से लोन दिला दिया जाएगा। लेकिन इतनी जल्दी दिला देने के पीछे की हकीकत क्या है ये भी जान लेना जरूरी है। क्योंकि अक्सर लोग इन लोन देने वालों के झांसे में आ भी जाते हैं। कई बार तो ऐसे कई ऐप होते हैं जिसकी मदद से आपको तुरंत लोन दिलाने की बात कही जाती है। उस समय सुनने वाले को भी ये लगता है कि अगर इतनी जल्दी से लोन मिल जा रहा है तो इसमें परेशानी क्या है। हालांकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि लोग इन तुरंत लोन दिलाने वाले ऐप से बच कर रहें।

ये बात केंद्रीय बैंक ने ऐसे वक्त में कही है जब इस तरह के कर्ज से परेशान लोगों के आत्महत्या करनी की खबर सामने आई है। डिजिटल मनी लॉन्ड्रिंग ऐप्स को लेकर जागरूक रहने को आरबीआई ने लोगों को सलाह दी है। बैंक ने कहा है कि अगर इस तरह आप तक कोई लुभावना ऑफर आता तो आप इसकी शिकायत करें।

बैंक को ये चेतावनी तब देनी पड़ी जब देश के आईटी हब माने जाने वाले गुरुग्राम और हैदराबाद जैसी जगहों में ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ हुआ जहां लोन देने और लोगों को ठगने के रैकेट चल रहे थे। खास बात ये कि ये रैकेट देश से बाहर बैठे लोगों के इशारे पर चल रहे थे। जहां भारत के सीधे-साधे मासूम लोगों को लोन का ऑफर देकर ठगने का काम किया जाता था। हैदराबाद पुलिस ने जब छापेमारी की तो तब जाकर मालूम चला कि ऐप का गोरखधंधा चल रहा था।

आमतौर पर ऐप के जरिए पहले तो शिकार के खाते में पैसा डाल दिया जाता था। फिर उसे लोन डिफॉल्टर की सूची में डाल कर बार बार कॉल कर परेशान किया जाता। कॉल कर के इतना परेशान किया गया कि कई लोगों ने तो आत्महत्या को चुना।

इसलिए आरबीआई को भी कहना पड़ा कि यदि इंटरनेट पर लोगों को ऐसे ऐप मिलें जहां आसानी से लोन देने या ऐसे कोई लुभावने ऑफर मिल रहे हों तो पहले अच्छे से ऐसे ऐप की जांच कर लें और उसके बाद ही आगे बढ़ें।

बैंक ने कहा कि अगर कोई बिना केवाईसी के आपको ऐसे कर्ज देने की बात करता है तो सतर्क हो जाएं। साथ ही ऐसे ऐप या पोर्टल की संबंधित जांच एजेंसी से शिकायत करें। ग्राहकों को ये मालूम होना चाहिए कि आपको कर्ज देने वाली संस्था कहां से पैसा लेकर आपको कर्ज दे रही है।