केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि आल इंडिया मजलिस-इ-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी नहीं चाहते कि तीन तलाक पर कानून बने। उन्होंने कहा कि ओवैसी चाहते हैं कि मुस्लिम समाज संकीर्णता की गलियों में भटकता रहे और वह अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते रहे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह इस मुद्दे पर ओवैसी से भिड़ता नहीं चाहते।

केंद्रीय मंत्री ने यह बात आज तक के लाइव कार्यक्रम के दौरान कही। एंकर अंजना ओम कश्यप ने औवेसी का एक वीडियो दिखा केंद्रीय मंत्री से तीन तलाक विधेयक के तहत मुस्लिम पुरुष के जेल जाने के बाद गुजारा भत्ते को लेकर सवाल पूछे थे। एंकर ने औवेसी के बयान के हवाले से पूछा कि गुजारा भत्ते के मुद्दे पर विपक्ष लगातार इसके खिलाफ है इसपर आप क्या कहना चाहेंगे?

इसपर रविशंकर प्रसाद ने कहा ‘विपक्ष राजनीतिक कारणों की वजह से इसके खिलाफ है। ओवैसी चाहते हैं की तीन तलाक पर कानून न बने। मुस्लिम समाज संकीर्णता की गलियों में भटकता रहे और वह उसपर रोटियां सेकते रहे। मैं उनसे भिड़ता नहीं हूं लेकिन आपने उचित समझा कि उनके सवाल का जवाब मैं दूं तो दे रहा हूं।’

उन्होंने आगे कहा ‘मुस्लिम अपराधी डकैती, चोरी या फिर हेराफेरी करे तो वह जेल जाता है। ठीक इस तरह हिंदू व्यक्ति भी जेल जाता है। लेकिन उस समय तो आप (विपक्ष) नहीं कहते कि वह जेल गया तो उसका परिवार कैसे चलेगा। अगर मुस्लिम व्यक्ति ने तलाक दिया तो वह अपराध होगा और उन्हें मुश्किलों को सामना करना पड़ेगा। गुजारा भत्ता मजिस्ट्रेट तय करेगा। हमने बिल में यह प्रावधान किया है। जब जमानत देने की बात आएगी तो वह (मजिस्ट्रेट) मुस्लिम पुरुष से पूछ सकेंगे की आप गुजारा भत्ता दे रहे हैं या नहीं।’

बता दें कि तीन तलाक बिल को शुक्रवार को लोकसभा के सदन पटल पर पेश कर दिया किया गया। रविशंकर प्रसाद ने जैसे ही बिल पेश किया सदन में हंगामा शुरू हो गया। ओवैसी ने बिल के ड्राफ्ट की पुरजोर मुखालफत की। ओवैसी ने कहा कि बिल में तीन तलाक देने वाले शौहर को जेल भेजना का प्रावधान है। ऐसे में अगर शौहर जेल चला जाएगा तो पत्नी का खर्चा कौन उठाएगा।