रावी नदी ने पंजाब में इंटरनेशनल बॉर्डर पर भारी तबाही मचाई हुई है। रावी में बाढ़ की वजह से भारत – पाकिस्तान सीमा पर लगी करीब 30 किलोमीटर लंबी लोहे की बाड़ बह चुकी है। रावी नदी ने किनारे तोड़ दिए और बीएसएफ को कई चेकपोस्ट छोड़ने पड़े है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि गुरदासपुर, अमृतसर और पठानकोट में कम से कम 50 जगहों पर नदी के तटबंधों में दरारें आ चुकी हैं।

अधिकारियों ने यह भी बताया कि मादक पदार्थ तस्करों ने बॉर्डर फेंसिंग टूटने और बहने का फायदा उठाने की कोशिश की लेकिन बीएसएफ की चौकसी की वजह से वह नाकामयाब रहे। बीएसएफ के पंजाब फ्रंटियर के डीआईजी एके विद्यार्थी ने सीमा पर हुए इस नुकसान की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, “गुरदासपुर में भारत की तीस से चालीस बॉर्डर आउटपोस्ट डूब गए हैं। हमने बिना किसी नुकसान के अपने सभी लोगों और सामान को सुरक्षित निकाल लिया है। गुरदासपुर, अमृतसर और फिरोजपुर सेक्टर में करीब तीस किलोमीटर फेंसिंग बह गई या डैमेज हो गई है।”

बॉर्डर पर कैसे हैं हालात?

बाढ़ प्रभावित इलाके की तस्वीरों में दिख रहा है कि शाहजादा गांव का एक परिवार अमृतसर में BSF के कमालपुर पोस्ट के अंदर शरण ले रहा है। यह पोस्ट पानी बढ़ने के कारण BSF के जवानों ने खाली किया था। वहीं, करतारपुर साहिब कॉरिडोर के पास का प्रसिद्ध BSF पोस्ट भी पानी में डूब गया है, जिससे जवानों को ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब, डेरा बाबा नानक में शरण लेनी पड़ी। एक अधिकारी ने बताया कि रावी नदी ने जीरो लाइन के दोनों ओर के इलाके बाढ़ से भर दिए हैं। पाकिस्तानी रेंजर्स ने भी फॉरवर्ड पोस्ट खाली कर दिए हैं।

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एक तरफ जहां BSF फिरोजपुर में सतलुज की बाढ़ से निपटने में माहिर है, वहीं अधिकारियों ने माना कि रावी नदी ने गुरदासपुर और अमृतसर में बहुत ज्यादा असर डाला है, ऐसा कई सालों से नहीं हुआ। गुरदासपुर के ड्रेनेज विभाग ने पुष्टि की है कि जिले में रावी नदी के पाटों में 28 जगहों पर टूट गईं हैं। XEN दिलप्रीत सिंह ने बताया कि अमृतसर में 10–12 जगह पाट टूटे हैं, जबकि पठानकोट में एक दो किलोमीटर लंबा पाट पूरी तरह बह गया है।

इंंटरनेशनल बॉर्डर पर फेंसिंग में आए गैप कई जगहों पर 500 to 1,000 फीट चौड़े हैं। इसमें डेरा बाबा नानक सेक्टर में करतारपुर साहिब के पास BSF का कैंप भी शामिल हैं। प्रमुख जगहों जैसे मकोड़ा पट्टन और डेरा बाबा नानक में मरम्मत का काम शुरू हो गया है। हालांकि XEN दिलप्रीत सिंह ने बताया कि इन टूटे हिस्सों को सिर्फ बंद करने में 4 से 6 हफ्ते लगेंगे। पूरी तरह से सही करने में और भी ज्यादा समय लग सकता है।

पानी के जहाजों से पेट्रोलिंग कर रही बीएसएफ

बाढ़ के बावजूद बीएसएफ पानी के जहाजों से पेट्रोलिंग कर रही है है। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि तस्करों ने बाढ़ की स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे एक घुसपैठिए को को जवानों ने पकड़ा है। इसके अलावा बीएसएफ राहत अभियान भी चला रही है। बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि उनके द्वारा फिरोजपुर में 1,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया, जबकि अबोहर में 1,000 से ज्यादा ग्रामीणों और उनके मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। उन्होंने बताया कि बीमारी फैलने से रोकने के लिए रोजाना मेडिकल और पशु चिकित्सा शिविर चलाए जा रहे हैं।

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