उद्योगपति रतन टाटा ने चेन्नई की एसआरएम यूनिवर्सिटी में छात्रों से बात करते हुए सरकार को हिदायत दी। उन्होंने कहा कि, लोगों को फैसले लेने की आजादी होनी चाहिए। इसमें सरकार का दखल नहीं होना चाहिए। टाटा ने कहा,’ यदि भारत को अभी और भविष्य में आगे बढ़ना है तो लोगों को फैसले लेने की आजादी होनी चाहिए। सरकार निगरानी का काम कर सकती है लेकिन उसे लोगों को क्या करे और क्या न करें कहना छोड़ देना चाहिए।’
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छात्रों से अपने काम में ईमानदारी बरतने की अपील करते हुए टाटा ने कहा कि जब वे जीवन में आगे बढ़ेंगे तो उनका सामना कई ऐसी बातों से होगा जो कॉलेज में नहीं मिलती है। उन्होंने कहा,’ आप जो सोचते हैं और करते हैं उसमें ईमानदार बनो। यह बात हर पेशे में लागू होती है।’ टाटा ने देश में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं की कमी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि, विकलांगों पर अब भी कम ध्यान दिया जाता है। उनके लिए कई जगहों पर रैंप तक नहीं होते।
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पढ़ाई के लिए विदेश जाने के मुद्दे पर टाटा ने कहा कि, यदि शैक्षणिक संस्थान उचित सुविधाएं प्रदान करेंगे तो युवा पढ़ने को बाहर नहीं जाएंगे। स्टार्ट अप में निवेश के सवाल पर टाटा ने कहा, ‘मुझे नई कंपनियों में निवेश करना पसंद है।’ गौरतलब है रतन टाटा ने हाल ही में फर्स्टक्राई में निवेश किया था। वे लगभग दो दर्जन नई कंपनियों में पैसा लगा चुके हैं।
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