भारत के मशहूर बिजनेसमैन रतन टाटा का बुधवार रात निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 86 वर्ष के थे। कई दिग्गज नेता और हस्तियां उनके अंतिम दर्शन के लिए वहां पहुंची, जिसके बाद राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

आइये जानते हैं मशहूर बिजनेसमैन के परिवार में कौन-कौन हैं और कौन होगा उनका उत्तराधिकारी।

टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा का जन्म 1939 में नुसरवानजी रतन टाटा और जीवनबाई कवसजी टाटा के घर हुआ था। जमशेदजी के अलावा नुसरवानजी के चार अन्य बच्चे थे – रतनबाई, मानेकबाई, वीरबाईजी, जेरबाई। पारसी पुजारियों के परिवार में जन्मे जमशेदजी ने परंपरा को तोड़ते हुए 1868 में 29 साल की छोटी उम्र में अपनी खुद की ट्रेडिंग फर्म शुरू की। उन्होंने 1870 के दशक में मध्य भारत में एक कपड़ा मिल से शुरुआत की। उनके विजन ने बाद में भारत में तकनीकी शिक्षा की नींव रखी और देश को औद्योगिक देशों में गिना जाने में मदद की। जमशेदजी ने हीराबाई डब्बू से शादी की और उनके तीन बच्चे हुए – सर दोराबजी टाटा, धुनबाई टाटा और सर रतन टाटा।

नोएल रतन और जिमी के सौतेले भाई हैं

सर रतन टाटा ने नवजबाई सेट्ट से शादी की और नवल एच टाटा को गोद लिया। नवल ने सूनू कमिसरियट से शादी की और उनके दो बेटे हुए – रतन एन टाटा और जिमी एन टाटा । लेकिन जब रतन एन टाटा सिर्फ़ 10 साल के थे, तब नवल और सूनू का तलाक हो गया। बाद में नवल ने सिमोन डनोयर से शादी की और उनसे उन्हें एक बेटा हुआ, जिसका नाम नोएल टाटा था। नोएल रतन और जिमी के सौतेले भाई हैं।

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रतन और जिमी ने कभी शादी नहीं की

रतन और जिमी ने कभी शादी नहीं की, जबकि नोएल ने आलू मिस्त्री से विवाह किया, जो स्वर्गीय साइरस मिस्त्री की बहन हैं। साइरस टाटा समूह के अध्यक्ष रह चुके हैं। नोएल और आलू के तीन बच्चे हैं – लिआह टाटा, माया टाटा और नेविल टाटा। नेविल का विवाह मानसी किर्लोस्कर से हुआ है और उनके दो बच्चे हैं – जमशेद टाटा और तियाना टाटा।

जीवनबाई कावसजी टाटा के भाई दादाभाई कावसजी टाटा ( कावसजी मानेकजी टाटा के दत्तक पुत्र ) का उनकी पत्नी भीखीबाई से एक बेटा था। दादाभाई के बेटे रतनजी दादाभाई टाटा ने एक फ्रांसीसी महिला सुज़ैन ब्रियरे से शादी की। उनके पांच बच्चे थे – साइला पेटिट, जहांगीर रतनजी दबाभाई टाटा, रोडाबेह टाटा, दरब टाटा और जिमी टाटा।

जहांगीर या जेआरडी टाटा, जो आगे चलकर टाटा के चेयरमैन बने, ने 1932 में एयरलाइन शुरू करके उपमहाद्वीप में नागरिक विमानन की शुरुआत की, जिसे अब एयर इंडिया के नाम से जाना जाता है।