देश में सोमवार रात ग्यारह बजे तक 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना विषाणु संक्रमण के 34,888 मामले दर्ज किए जबकि संक्रमण की वजह से 118 लोगों की मौत हुई। ये आंकड़े राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य विभागों की ओर से जारी किए गए। इन आंकड़ों में त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, दादर नागर हवेली व दमन दीव, झारखंड और लक्षद्वीप के आंकड़े शामिल नहीं हैं। देश में सबसे अधिक कोरोना विषाणु संक्रमण के मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में 12,160 मामले सामने आए और 11 लोगों की मौत हुई।
महाराष्ट्र के अलावा पश्चिम बंगाल में 6,078, दिल्ली में 4,099, केरल में 2,560, तमिलनाडु में 1,728, कर्नाटक में 1,290, गुजरात में 1,259, हरियाणा में 793, गोवा में 631, उत्तर प्रदेश में 572, राजस्थान में 550, तेलंगाना में 482, ओड़ीशा में 424, पंजाब में 413, असम में 351, बिहार में 344, छत्तीसगढ़ में 290, मध्य प्रदेश में 221, उत्तराखंड में 189, मिजोरम में 152, जम्मू कश्मीर में 176, हिमाचल प्रदेश में 137, आंध्र प्रदेश में 122, चंडीगढ़ में 75, पुदुचेरी में 26, मणिपुर में 20, अंडमान निकोबार में 20, लद्दाख में 17, नगालैंड में चार, सिक्किम में तीन और मेघालय में दो मामले दर्ज किए गए।
दिल्ली में संक्रमण दर 6.46 फीसद पहुंची
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को कोरोना विषाणु संक्रमण के 4,099 नए मामले सामने आए। रविवार के मुकाबले ये 28 फीसद अधिक हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के एक मरीज की मौत हो गई जबकि संक्रमण दर बढ़कर 6.46 फीसद रही।
रविवार को दिल्ली में कोविड-19 के 3,194 नए मामले आए थे, संक्रमण दर 4.59 फीसद दर्ज हुई थी। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को कोरोना संक्रमित 32 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
रविवार को इनकी संख्या 238 थी। सोमवार को 124 मरीज आक्सीजन सपोर्ट पर रहे जबकि 7 मरीजों की हालत गंभीर है। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। इनमें से 12 मरीज ऐसे हैं जो सोमवार को सीधे हवाईअड्डे से अस्पताल लाए गए। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या सोमवार तक 10,986 तक पहुंच गई जिनमें से 6,288 का इलाज घरों में चल रहा है।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के अंतर्गत लगातार दो दिन संक्रमण दर पांच फीसद से अधिक रहने पर रेड अलर्ट की स्थिति बन जाएगी, जिसके तहत कर्फ्यू लागू होने साथ ही अधिकतर आर्थिक गतिविधियां भी रोक दी जाएंगी। दिल्ली में रविवार को संक्रमण के 3,194 मामले दर्ज किए गए थे और संक्रमण दर 4.59 फीसद रही थी जबकि शनिवार को संक्रमण के 2,716 मामले दर्ज किए गए थे और संक्रमण दर 3.6 फीसद रही थी। इसी तरह, शुक्रवार और गुरुवार को क्रमश: 1,796 और 1,313 मामले सामने आए थे और संक्रमण दर 1.73 फीसद और 2.44 फीसद रही थी।
सभी नमूने नहीं भेजे जाते जीनोम अनुक्रमण के लिए : विशेषज्ञ
पिछले दिनों पाए जा रहे संक्रमण के मामलों से यह साफ हुआ है कि कोरोना के नमूनों में से ओमीक्रान की पहचान के लिए विशेष जांच जरूरी है। लेकिन हर दिन सभी संक्रमितों के नमूनों को जीनोम अनुक्रमण के लिए नहीं भेजा जाता है। इनमें से कुछ ही नमूनों को जीनोम अनुक्रमण के लिए प्रयोगशालाओं में भेजा जाता है। यह बात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर संजय राय ने कही। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि मान लिया जाए कि किसी दिन देश में कुल 40,000 मामले आए।
इनमें से 400 नमूनों को जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया हो सकता है, जिसमें से 300 नमूने ओमीक्रान से संक्रमित पाए गए। इस स्थिति में यह माना जाएगा कि 75 फीसद नमूनों में ओमीक्रान पाया गया। परिणामस्वरूप ओमीक्रान के कुल मामले 300 ही दर्ज होंगे, लेकिन कुल मामलों में 75 फीसद संक्रमितों को ओमीक्रान बहुरूप का बताया जाएगा। राय ने बताया जीनोम अनुक्रमण जांच के नतीजे दो से चार दिन में आते हैं। इसलिए जिस दिन जीनोम अनुक्रमण जांच के नतीजे आते हैं, वे वर्तमान दिन को नहीं, बल्कि पुरानी स्थिति को दर्शाते हैं।
राय ने बताया कि पूरी दुनिया में ब्रिटेन और डेनमार्क सबसे अधिक नमूनों का जीनोम अनुक्रमण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि दो साल में भारत ने भी इस मोर्चे पर तेजी से कार्य किया है और पहले जहां सिर्फ तीन प्रयोगशालाओं में जीनोम अनुक्रमण की सुविधा थी, अब प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़कर 28 हो गई है। यह बड़ी उपलब्धि है, लेकिन भारत जैसी जनसंख्या के लिए बहुत कम है। राय ने बताया कि जीनोम अनुक्रमण की प्रयोगशाला के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित जांचकर्ताओं और उपकरणों की आवश्यकता होती है, इसलिए इसे स्थापित करना आसान नहीं होता है। उन्होंने बताया कि एक महीने पहले तक ब्रिटेन में 98 फीसद मामले डेल्टा बहुरूप के थे, लेकिन अब 93 फीसद मामले ओमीक्रान के हैं। टीकाकरण के राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटैगी) के प्रमुख एनके अरोड़ा ने सोमवार को कहा कि देश के महानगरों में दर्ज हो रहे कोरोना संक्रमण के कुल मामलों में करीब 75 फीसद मामले ओमीक्रान बहुरूप के हैं।