राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार (23 जुलाई, 2022) को अपने विदाई समारोह में राष्ट्रपितe महात्मा गांधी को याद करते हुए जनता को खास संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को अपनी मांगों के लिए आवाज उठाने या किसी बात का विरोध करने का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन इस अधिकार का प्रयोग हमेशा गांधीवादी तौर-तरीकों के अनुरूप शांतिपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “मेरे कार्यकाल में दो अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम- ‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती’ तथा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का आयोजन किया गया। मैं इन आयोजनों के लिए देश की जनता व सरकार को बधाई देता हूं।”
राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि देश के जनता के जीवन स्तर को सुधारने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, हालांकि हमारी सरकारों ने इसके लिए काफी कुछ किया है, लेकिन समाज के हाशिए पर जीवन-यापन करने वाले लोगों के लिए काफी कुछ करने की अभी भी जरूरत है।
उन्होंने आगे महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर भी बात की और कहा कि लगातार महिलाओं को मजबूत होते देखकर खुशी होती है। राष्ट्रपति ने कहा, “यह सशक्तीकरण युवा पीढ़ी की हमारी बेटियों को और आगे बढ़ा रहा है। मेरा मानना है कि आने वाले सालों में महिला सशक्तीकरण से हमारा समाज और अधिक मजबूत होगा।”
अपने भाषण में राष्ट्रपति ने जनता की तरफ से मिले प्यार और सम्मान की सराहना की और नव निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी आगे के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च संवैधानिक पद पर उनका चुनाव महिला सशक्तीकरण को बढ़ाने के साथ-साथ समाज के संघर्षशील लोगों में महत्वाकांक्षा का संचार करने वाला है।
उन्होंने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि द्रौपदी मुर्मु के अनुभव, विवेक और व्यक्तिगत आदर्श से पूरे देश को प्रेरणा मिलेगी और मार्गदर्शन भी।”