लालकिला मैदान पर होने वाली रामलीलाओं में दर्शकों को नयापन दिखाने व आकर्षित करने के लिए नए-नए प्रयोग होते रहते हैं। लेकिन इस बार देश में पहली बार रामलीला मंचन में एआई का प्रयोग किया जा रहा है। एआई के जरिए युद्ध व जंगल के दृश्यों को वास्तविक बनाने में जहां सहयोग मिलेगा। वहीं ध्वनि व लाइट के माध्यम से उसे जीवंत किया जाएगा।
तकनीक और परंपरा का संगम
नवश्री धार्मिक रामलीला कमेटी के प्रचार मंत्री राहुल शर्मा ने बताया कि रामलीला मंचन के दौरान तकनीक व परंपरा का सामंजस्य इस बार देखने को मिलेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का जमाना है इसीलिए हमने कई दृश्यों में लाइट व ध्वनि में एआई का प्रयोग किया है। उदाहरण के लिए जैसे ही जंगल का दृश्य होगा, तो पूरा मैदान हरे रंग की रोशनी से सराबोर नजर आएगा। और दर्शकों को पीछे से पक्षियों व जानवरों की आवाजें एआई के जरिए सुनाई देंगी।
सोशल मीडिया पर रील्स भेजी जाएगी
इसी तरह पानी या झरनों के दृश्यों में भी पानी बहने की आवाज आएगी। वहीं ओटीटी के कई कलाकार भी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आने वाले हैं। महामंत्री जगमोहन गोटेवाला ने बताया कि इस बार युवाओं को आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया पर रील्स भेजी जाएगी। और सुबह ही रात के दृश्यों की जानकारी दी जाएगी।
हमारे यहां सीता का किरदार निभाने वाली चांदनी ‘सोलो ट्रेवलर’ हैं। हमारी रामलीला में पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, ज्ञानी जैल सिंह, डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसी विभूतियां परिवार सहित रामलीला देखने आते थे। वहीं लालकिला मैदान में होने वाली लवकुश रामलीला में दूसरे दिन शुक्रवार को ताड़का व सुबाहु वध दिखाया गया।
अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया कि इस सीन को जीवंत बनाने के लिए बालीवुड के एक्शन डायरेक्टर मनोज कांगड़ा की निगरानी में डिजिटल साउंड और कंप्यूटर ग्राफिक्स का शानदार प्रयोग किया गया है। शुक्रवार को लीला अवलोकन के लिए विद्युत एवं नवीनीकरण ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपद नायक मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।