योग गुरु स्वामी रामदेव ने शनिवार को कहा कि पद्म पुरस्कारों और नोबेल पुरस्कार तक के लिए चयन की प्रक्रिया में लॉबिंग होती है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रसूख वाले पुरस्कार पाने में सफल होते हैं।
बाबा रामदेव ने यहां कहा कि सारी दुनिया जानती है कि पद्मश्री, पद्म भूषण या पद्म विभूषण जैसे जितने पुरस्कार होते हैं और यहां तक कि नोबेल पुरस्कार भी, अच्छे लोगों को भी दिए जाते हैं लेकिन उसके पीछे बहुत लॉबिंग होती है। जिनके पास राजनीतिक रसूख होता है उन्हें यह मिल जाता है। योग के प्रचार के लिए यहां एसोचेम की ओर से आयोजित कार्यक्रम से हट कर रामदेव ने यह बात कही।
रामदेव को इस साल का पद्म पुरस्कार दिए जाने की चर्चा थी, लेकिन उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर इसे स्वीकार करने से मना कर दिया था।
योग के बारे में उन्होंने कहा कि भारत की 50 फीसद जनसंख्या कई बीमारियों के इलाज में अपनी पूरी संपत्ति गिरवी रखने या कर्ज लेने को मजबूर है। योग उन्हें इस समस्या से निजात दिला सकता है। उन्होंने कहा कि वे लोगों से अपील करेंगे कि विश्व योग दिवस पर 10 करोड़ परिवार इसमें भाग लें।
मालूम हो कि आगामी 21 जून को पहला विश्व योग दिवस मनाया जा रहा है। बाबा रामदेव ने कहा,‘हमारा लक्ष्य मोटे भारतीयों का एक करोड़ किलोग्राम वजन घटाना है। इसके लिए हम देशभर में मोटापा विरोधी शिविर लगाएंगे।’ उन्होंने कहा कि योग कक्षाओं के लिए शुल्क लेना अल्कोहल और मादक पदार्थों के लिए पैसे लेने से बेहतर है। योग से तन और मन दोनों को लाभ पहुंचता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जड़ी-बूटी वाले जो उत्पाद हम देते हैं, वे लोगों के फायदे के लिए हैं न कि गलाकाट कारोबार के लिए। उन्होंने मजाकिया लहजे में यह भी कहा कि यदि आरएसएस योग को बढ़ावा देता है तो उससे विवाद पैदा होगा। रामदेव ने इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के योगासन और प्राणायाम का प्रदर्शन भी किया।