बाबा रामदेव योगगुरु के साथ-साथ एक शानदार वक्ता भी रहे हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हम उस गांव से आते हैं जहां आज भी कोई बस और ट्रेन नहीं जाती है। गांव से जब हवाई जहाज जाता था तो हमें इसका नाम नहीं पता होता था। हम उसे चीलगाड़ी कहा करते थे।
मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा ने बाबा रामदेव से पूछा कि आप और बालकृष्ण काफी दिनों से साथ काम कर रहे हैं। क्या आजतक आप दोनों के बीच किसी मुद्दे पर मतभेद हुए हैं? रामदेव ने जवाब देते हुए कहा कि मतभेद वहां होता है जहां कुछ पाने की इच्छा हो। जो दुनियावी चीजें हैं उसे लेकर लोगों में विवाद होता है। जब आपको अपने लिए कुछ चाहना नहीं, तब विवाद क्यों होगा? उन्होंने कहा कि हम काफी पिछड़े हुए जगह से आते हैं। हमें यह भी नहीं पता होता था कि हवाई जहाज कहते हैं इस गाड़ी को और यह कहां से उड़ता है और कहा तक जाता है।
मेरे गांव में जब किसी के पास दो-चार पैसे हो जाते थे, बहुत पैसे तो होते नहीं थे तो लोग कहते थे कि टाटा-बिड़ला बन रहा है। हमें यह नहीं पता था कि ये टाटा-बिड़ला हमारे पीछे होंगे। बाबा रामदेव ने कहा कि इस देश के पांच प्रधानमंत्री, करीब 5-6 राष्ट्रपति, लगभग 25 मुख्यमंत्री तो यहां पतंजलि में आ चुके हैं।
बाबा रामदेव से पूछा गया कि आप पर कई बार केस दर्ज हुए हैं लेकिन हर बार आप वापसी कर लेते हैं। यह विकल्प रहित संकल्प के पीछे क्या ताकत है? बाबा रामदेव ने कहा कि यह भी सच है कि अगर आपके नियत में कोई खोट नहीं है तो आपको कोई कुछ नहीं कर सकता है।
बाबा रामदेव ने कहा कि मैंने कभी भगवान के विधान का कभी अतिक्रमण नहीं किया, मैंने समाज के मार्यादाओं का कभी उल्लंधन नहीं किया और मैंने देश के संविधान के कानूनों को कभी नहीं तोड़ा है।