Ramcharitmanas Controversy: सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। रामचरितमानस को लेकर विवाद बयान के मामले में स्वामी प्रसाद ने अपने ऊपर दर्ज केस को रद्द करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे मौर्य
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपने ऊपर दर्ज एफआईआर को दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। इस मामले में सुनवाई के दौरान जस्टिस संदीप मेहता ने टिप्पणी की कि रामचरित मानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य की यह अपनी राय हो सकती है। इसे अपराध कैसे माना जा सकता है। फिलहाल इस मामले में किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है। हालांकि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त टिप्पणी की थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि स्वस्थ आलोचना का मतलब यह नहीं है कि ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाए जो लोगों की भावनाओं को आहत करें।
लखनऊ में दर्ज हुई थी एफआईआर
लखनऊ के बाजारखाला निवासी शिवेंद्र मिश्रा ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में स्वामी प्रसाद मौर्य पर आईपीसी की धारा 295 ए, 298, 504 और 153 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसमे आरोप लगाया गया था कि वह एक टीवी न्यूज चैनल पर डिबेट सुन रहे थे। इसी दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर आपित्तजनक टिप्पणी की। उनके इस आचरण से हिंदू समाज बेहद आहत हुआ है। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को जाति विभाजित करने और समाज में घृणा फैलाने वाला है।