अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद द्वारा चंदे के तौर पर संग्रहित 22 करोड़ रुपये मूल्य के करीब 15000 बैंक चेक बाउंस हो गए हैं। मंदिर निर्माण के लिए केंद्र द्वारा बनाए गए न्यास ‘श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र’की एक ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया कि चेक खातों में कम रकम होने या फिर तकनीकी खामियों की वजह से बाउंस हुए।
न्यास के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने कहा कि तकनीकी गड़बड़ी के समाधान के लिए बैंक काम कर रहे हैं। वे लोगों से फिर से दान करने के लिए कह रहे हैं। इन चेकों में से लगभग 2000 अयोध्या से संग्रहित किये गए थे। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने 15 जनवरी से 17 फरवरी तक चंदा इकट्ठा करने के लिए ये चेक जुटाए थे। इस अभियान के दौरान करीब 5000 करोड़ की रकम जुटाई गई थी। हालांकि न्यास द्वारा अभी एकत्रित रकम के बारे में अंतिम आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं।
गौरतलब है कि राम मंदिर के भव्य निर्माण के लिए जोरशोर से अभियान चलाया जा रहा है। राम मंदिर परिसर का विस्तार 70 एकड़ से बढ़ाकर 107 एकड़ करने की योजना के तहत ‘राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ने राम जन्मभूमि परिसर के पास 7,285 वर्ग फुट जमीन खरीदी है।
ट्रस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि भव्य मंदिर का निर्माण कर रहे ट्रस्ट ने 7,285 वर्ग फुट जमीन की खरीद के लिए 1,373 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से एक करोड़ रुपये का भुगतान किया है। न्यासी अनिल मिश्रा ने कहा, हमने यह जमीन खरीदी है क्योंकि राम मंदिर के निर्माण के लिए हमें और जगह चाहिए थी। ट्रस्ट की खरीदी गई यह जमीन अशरफी भवन के पास स्थित है।
मामले से जड़े लोगों का कहना है कि ट्रस्ट विस्तारित भव्य मंदिर परिसर का निर्माण 107 एकड़ में करना चाहता है। इसके लिए उसे अभी 14,30,195 वर्ग फुट जमीन और खरीदनी होगी। मुख्य मंदिर का निर्माण पांच एकड़ जमीन पर किया जाएगा। बाकी जमीन पर संग्रहालय और पुस्तकालय बनाए जाएंगे।
गौरतलब है कि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान में 4 मार्च तक 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा हुए थे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि अभियान में 4 मार्च तक 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा हुए हैं। चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए बीते 15 जनवरी से विश्व का सबसे बड़ा जनसंपर्क अभियान 27 फरवरी को पूरा हो गया। अभियान पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक सम्पूर्ण भारत को एक भी कर गया।
