एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी है। विरोध प्रदर्शन और बहस के बीच मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर चेताया है। महात्मा गांधी की बॉयोग्राफी के लिए जाने-जाने वाले रामचंद्र गुहा ने कहा कि हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्रवाद का आइडिया 18वीं-19वीं शताब्दी के यूरोपीय राष्ट्रों से लिया गया है। इन राष्ट्रों में उस समय एक तपके को निशान बनाकर, एक भाषा, एक संस्कृति और एक नेता के विचार को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय शक्ति बनाने का चलन था।

मसलन, पूर्व-आधुनिक ब्रिटेन और फ्रांस में देश के आधार पर अंग्रेजी या फ्रेंच भाषा के पक्ष में सभी क्षेत्रीय भाषाओं को खारिज कर दिया गया था। जिसके बाद एक साझे दुश्मन की पहचान की गई थी। उदाहरण के तौर पर फ्रांस में सभी लोग फ्रेंच बोलते थे, सभी कैथोलिक थे और इंग्लैंड से घृणा करते थे। अब मौजूदा सरकार का मॉडल कहता है कि हिंदी ही राष्ट्रीय भाषा है, हम सभी को हिंदू होना चाहिए और पाकिस्तान से नफरत करनी चाहिए।

कर्नाटक में अपने संबोधन के दौरान रामचंद्र गुहा ने सीधे तौर पर संशोधित कानून पर कुछ नहीं कहा लेकिन उन्होंने अंत में इस विषय को लेकर कुछ तर्क रखे। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा प्रदर्शनों का नेतृत्व राजनीतिक पार्टियों के हाथ में नहीं होना चाहिए।

गौरतलब है कि गुरुवार (19 दिसंबर) को रामचंद्र गुहा को पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान हिरासत में ले लिया।  राज्य के हुबली, कलबुर्गी, हासन, मैसूरु और बेल्लारी सहित राज्य के तमाम हिस्सों में प्रदर्शन हुए। पुलिस ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में इन लोगों को गिरफ्तार किया।टाउन हॉल में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर प्रख्यात इतिहासकार रामचन्द्र गुहा सहित अन्य लोगों को पुलिस ने धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में लिया।