भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ललितपुर के एक किसान के लिए केंद्र सरकार तक आवाज उठाई है। दरअसल इस किसान ने ईंधनरहित मंगल टर्बाइन बनाया है। किसान के इस अविष्कार को सम्मान न मिलने की बात उठाते हुए टिकैत ने कहा कि ऐसा अविष्कार करने वाले को न्याय देकर पृथ्वी को बचाने की दिशा में सरकार पहल कर सकती है।
ललितपुर के इस किसान का नाम मंगल सिंह है। राकेश टिकैत ने अपने ट्विटर अकाउंट पर किसान के लिए एक ट्वीट करते हुए कहा, “ललितपुर के किसान मंगल सिंह ने इंधनरहित मंगल टर्बाइन देकर देश का गौरव बढ़ाया लेकिन वही आविष्कारक सम्मान के बजाय सरकार की चौखट पर इंसाफ के लिए धक्के खा रहा। आज पृथ्वी दिवस के दिन केंद्र सरकार ऐसे अविष्कार को न्याय देकर पृथ्वी को बचाने की दिशा में पहल कर सकती है।”
बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत अक्सर किसानों के लिए आवाज उठाते हैं। सरकार के तीनों कृषि कानूनों के विरोध में उन्होंने 11 महीने से ज्यादा समय तक धरना प्रदर्शन किया। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस बात की घोषणा कर दी गई कि तीनों कानूनों को खत्म किया जा रहा है, उसके बाद ही किसानों ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म किया। यूपी गेट पर बड़ी संख्या में किसान जमा हुए थे और 11 महीने की लंबी अवधि तक यहीं पर रहे। इस दौरान टिकैत धरना प्रदर्शन का नेतृत्व करते रहे।
कैसे हुई थी पृथ्वी दिवस की शुरुआत
पृथ्वी पर सभी जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों को बचाने और पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के मकसद से 22 अप्रैल के दिन पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी। 1970 में इस परंपरा को शुरू किया गया था, जिसे विश्व स्तर पर 192 देशों में मनाया जाता है।
1960 में डेवलपमेंट के नाम पर जंगलों की कटाई की जा रही थी, जिस कारण पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा था। इस कटाई को रोकने और पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरुक बनाने के लिए अमेरिकी सीनेटर ने साल 1969 में वॉशिंगटन में एक सम्मेलन की घोषणा की। इसके बाद 1970 से पूरी दुनिया में ‘वर्ल्ड अर्थ डे’ मनाया जाने लगा।