लोकसभा में मॉनसून सत्र की अवधि को सरकार ने भले ही समय से पहले खत्म कर दिया हो लेकिन राज्यसभा का सत्र अभी भी चल रहा है। जहां विपक्ष के साथ सरकार का गतिरोध बना हुआ है।
इसी गतिरोध को खत्म करने के लिए उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। जहां गतिरोध खत्म करने पर चर्चा होने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर सदन में विपक्ष अपनी अवाज को दबाने का आरोप लगाते हुए आज सड़कों पर उतर आया है। केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर विपक्षी नेताओं ने संसद से विजय चौक की ओर मार्च किया।
मार्च की अगुवाई करते हुए राहुल गांधी ने कहा- “आज, हमें आपसे (मीडिया) बात करने के लिए यहां आना पड़ा, क्योंकि हमें संसद में बोलने की अनुमति नहीं है। यह लोकतंत्र की हत्या है। संसद का सत्र समाप्त हो गया है। जहां तक देश के 60% हिस्से का सवाल है, संसद का कोई सत्र नहीं हुआ है। देश के 60% लोगों की आवाज को कुचला गया, अपमानित किया गया और बुधवार को राज्यसभा में सदस्यों को पीटा गया।”
प्रदर्शन में शामिल शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि विपक्ष को संसद में अपने विचार रखने का मौका नहीं मिला। महिला सांसदों के खिलाफ बुधवार की घटना लोकतंत्र के खिलाफ थी। ऐसा लगा जैसे हम पाकिस्तान सीमा पर खड़े हैं।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और कुछ और विपक्ष के लोग तो शुरू से ही कह रहे थे कि हम संसद के सत्र को वाशआउट करने के लिए वाशिंग मशीन लेकर आए हैं। आप सिर्फ संसद को ही बदनाम नहीं कर रहे हैं बल्कि पूरे देश को बदनाम करने की षड़यंत्र और साजिशें कर रहे हैं।
बता दें कि बुधवार को राज्यसभा में सभापति वैंकया नायडू ने भावुक होते हुए कहा था कि सदन में जो हंगामा हुआ है, वो शर्मनाक है। मैं रातभर सो नहीं पाया हूं। वहीं विपक्ष का कहना है कि बुधवार को राज्यसभा में मार्शलों के जरिए विपक्षी सदस्यों के साथ मारपीट हुई है। महिला सांसदों के साथ दुर्व्यव्हार हुआ है। विपक्षी सदस्यों का सदन में अपनी बात रखने का मौक नहीं दिया गया है। वहीं सरकार इस घटना के लिए विपक्ष पर आरोप लगा रही है।