राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने राज्यसभा में टहलने वाले सदस्यों को फटकार लगाई। इन सदस्यों में सरकार के कुछ मंत्री भी शामिल थे। मामला राज्यसभा में सूचना का अधिकार (संशोधन) बिल सेलेक्ट कमेटी को भेजने के मुद्दे पर वोटिंग की घोषणा के दौरान का है। वोटिंग की घोषणा होने के बाद कुछ सदस्य सदन में टहलते दिखाई दिए।

विपक्ष ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल के सदस्य अन्य सदस्यों को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। नायडू ने यह फटकार इस मामले के बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में उठने के बाद लगाई। टेलीग्राफ की खबर के अनुसार सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दलों ने सभापति से सत्ताधारी दल की तरफ से सदस्यों से वोटिंग स्लिप एकत्रित करने की शिकायत की।

इस पर नायडू ने कहा कि जो लोग सत्ता में हैं या जिनके पास अधिकार हैं उन्हें आवश्यक रूप से सजग रहना चाहिए। यहां तक कि कोई सदस्य व्यक्तिगत रूप से भी इधर-उधर नहीं घूम सकता है। उन्होंने कहा कि यदि सदस्य बातचीत करना चाहते हैं तो वे उसके लिए वोटिंग से पहले इसके लिए स्वतंत्र हैं। यह बातचीत भी सदन के बाहर होनी चाहिए। इससे पहले भाजपा सदस्य सीएम रमेश टीडीपी सांसदों से वोटिंग स्लिप एकत्रित करते देखे गए।

वहीं, नियम के अनुसार सिर्फ अधिकारी ही वोटिंग स्लिप एकत्रित कर सकता है। इससे पहले उप सभापति हरिवंश ने भी कई मंत्री सदस्यों को अपनी सीट पर बैठने को कहा था। इसमें संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी शामिल थे। वोटिंग खत्म होने के बाद ये लोग घूम-घूम कर कई सांसदों से बातचीत कर रहे थे। भाजपा सांसद के सदस्यों से स्लिप एकत्रित करने पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देखिए सदन में क्या हो रहा है।

उन्होंने कहा कि इसी तरह भाजपा ने लोकसभा में 303 सीटें हासिल की हैं। आजाद ने कहा कि सत्ताधारी दल के लोग सदन के भीतर ही सदस्यों को डरा रहे हैं। आपके सत्ताधारी दल से सदस्य अन्य सदस्यों, जो वोटिंग प्रक्रिया से अवगत नहीं है, हस्ताक्षर किए हुए पर्चियां एकत्रित कर रहे हैं।

बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में विपक्ष ने नायडू से टीवी कैमरा की फुटेज देखने की मांग की जिससे यह पता लग सके कि सदन में उस दौरान क्या हुआ। विपक्ष यह भी जानना चाह रहा था कि सरकार की तरफ से इलेक्ट्रोनिक वोटिंग के स्थान पर बैलेट पेपर का प्रयोग क्यों किया गया। मालूम हो कि इलेक्ट्रोनिक वोटिंग की सूरत में तुरंत वोटिंग की स्थिति पता चल जाती है। अन्यथा सांसदों को क्रॉस वोटिंग की जानकारी के लिए एक दिन का इंतजार करना पड़ता है।