आरक्षण की मांग को लेकर उग्र हुए जाट आंदोलन के बाद अब राजपूत समाज ने भी आरक्षण के लिए आंदोलन करने चेतावनी दी है। श्री राजपूत करणी सेना के नेतृत्व में राजपूतों ने देशव्यापी स्तर पर आंदोलन शुरू करने की बात कही है। करणी सेना ने कहा कि राजपूत आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर होगा। राजस्थान के साथ ही दिल्ली, गुजरात, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से एक साथ इस आंदोलन की शुरुआत होगी। राजस्थान में राजपूत समुदाय पहले भी विशेष कोटा की मांग करता आया है। हालांकि यह पहली बार होगा जब समुदाय राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन के जरिए अपनी मांग रखेगी।

करणी सेना प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा, ‘संगठन ने अब तक आरक्षण की मांग को शान्तीपूर्ण और अनुशासन के तरीके से सरकार तक पहुंचाया है, लेकिन अब तक उन्हें आरक्षण के नाम पर सिर्फ मीठी गोली ही मिली। अब अनुशासन की परीक्षा खत्म हो गई है। लिहाजा करणी सेना ने फैसला लिया है कि अब मांगों को उग्र आंदोलन के जरिये ही मनवाया जाएगा।”

गोगामेड़ी ने कहा कि समुदाय राजपूत किसानों के लिए और आर्थिक तौर पर पिछड़े अन्य समुदायों के लिए आरक्षण की मांग कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों के लिए भी आरक्षण की मांग रखी है।

गोगामेड़ी ने कहा, “आगामी विधानसभा सत्र से पहले हम राजपूत समुदाय की ओर से सभी विधायकों और मंत्रियों को ज्ञापन देंगे और सदन में इस पर चर्चा करने की मांग करेंगे। उसके बाद हम राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।”