सरकार अगले 15-20 दिनों में कम से कम छह राज्यों में नए राज्यपाल नियुक्त करने की योजना बना रही है। इन राज्यों में बिहार, पंजाब और असम शामिल हो सकते हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हम अगले 15-20 दिनों में छह-सात नए राज्यपाल नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं। बिहार, असम, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में राज्यपालों के पद खाली हैं। इसके अलावा पंजाब के राज्यपाल शिवराज पाटील 21 जनवरी को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल उर्मिला सिंह का पांच साल का कार्यकाल 24 जनवरी को पूरा हो जाएगा।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी बिहार और मेघालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं जबकि नगालैंड के राज्यपाल पीबी आचार्य ने असम और त्रिपुरा का अतिरिक्त प्रभार संभाला हुआ है। इसके अलावा उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल के पास मणिपुर का अतिरिक्त प्रभार है। तमिलनाडु के राज्यपाल के रोसैया और ओड़ीशा में उनके समकक्ष एससी जमीर दोनों ही अगले कुछ महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ये उन कुछ राज्यपालों में से हैं जिन्हें पिछली यूपीए सरकार ने नियुक्त किया था और जो राजग की सरकार बनने के बाद भी अपने इन पदों पर बने हुए हैं।

केंद्रीय गृह सचिव की ओर से राज्यपालों को पद छोड़ने के संकेत दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए अजीज कुरैशी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उन्हें इस महीने की शुरुआत में उत्तराखंड से मिजोरम राजभवन भेज दिया गया। एक विवाद उस समय पैदा हो गया था, जब नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के कुछ ही हफ्ते बाद केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने कई राज्यपालों को यह संदेश दिया था कि नई सरकार चाहती है कि वे लोग अपना पद छोड़ दें।

यूपीए सरकार के समय में नियुक्त राज्यपालों शीला दीक्षित (केरल), एमके नारायणन (पश्चिम बंगाल), अश्वनी कुमार (नगालैंड), बीएल जोशी (उत्तर प्रदेश), बीवी वांचू (गोवा), शेखर दत्त (छत्तीसगढ़) और वीके दुग्गल (मणिपुर) को राजग सरकार के सत्ता में आने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। मिजोरम के राज्यपाल वी पुरुषोत्तम ने नगालैंड में स्थानांतरण के बाद इस्तीफा दे दिया था जबकि महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकरनारायणन ने इस्तीफा दिया था क्योंकि उन्हें मिजोरम स्थानांतरित किया जा रहा था।

नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उनके और राज्यपाल कमला बेनीवाल के बीच खासा विवाद हुआ था। कमला बेनीवाल को मिजोरम स्थानांतरित करने के बाद बर्खास्त कर दिया गया था। इसके अलावा जिन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया, उनमें पुडुचेरी के उपराज्यपाल और कांग्रेस के पूर्व नेता वीरेंद्र कटारिया भी शामिल थे। राजग सरकार ने अब तक उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, नगालैंड और गोवा में राज्यपाल नियुक्त किए हैं।