तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सभी सात दोषियों को रिहा करने की सिफारिश प्रदेश के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से करने का निर्णय किया है। मत्स्यपालन मंत्री डी जयकुमार ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी की अध्यक्षता में यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया। सातों दोषियों मुरूगन, संतन, पेरारीवलन, जयकुमार, रविचन्द्रन, रॉबर्ट पायस और नलिनी को रिहा करने के लिए राज्यपाल पुरोहित को सिफारिश करने का निर्णय लिया गया है।
उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु के राज्यपाल से इस मामले के एक अन्य दोषी पेरारीवलन की दया याचिका पर संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत विचार करने को कहा था और केन्द्र की उस याचिका का निपटारा कर दिया था जिसमें दोषियों को रिहा करने के लिए तमिलनाडु सरकार के इससे पहले के प्रस्ताव का विरोध किया गया था। न्यायालय के इस निर्णय के कुछ दिनों बाद तमिलनाडु सरकार ने यह कदम उठाया है। मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल के इस प्रस्ताव को राज्यपाल के पास ‘‘तत्काल’’ भेजा जाएगा। गौरतलब है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की यहां के निकट श्रीपेरंबदूर में 21 मई,1991 को हत्या कर दी गई थी।
I met #TamilNadu CM today, he assured me that Governor will surely accept our recommendation & very soon all the 7 convicts will be free. We thank this govt which has paved the way for the release. Arputhammal, mother of Rajiv Gandhi assassination case convict AG Perarivalan. pic.twitter.com/wxzUeub1Qr
— ANI (@ANI) September 9, 2018
गौरतलब है कि इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के राज्यपाल से राजीव गांधी की हत्या के मामले में जेल की सजा काट रहे ए.जी. पेरारिवेलन की दया याचिका पर विचार करने को कहा था। पेरारिवेलन के वकील ने न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की पीठ से कहा कि दो वर्षो से लंबित पड़े उसकी याचिका पर अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है। पेरारिवेलन ने 30 दिसंबर 2015 को राज्यपाल के समक्ष यह कहते हुए दया याचिका दाखिल की थी कि वह 24 वर्षो से अधिक समय से एकांतवास/ एकल कारावास की सजा काट चुका है। पेरारिवेलन इस मामले में उन सात दोषियों में शामिल है, जिन्होंने संविधान की धारा 161 के तहत राज्यपाल से क्षमा की मांग की है।