मशहूर न्यूज एंकर रजत शर्मा का प्रोग्राम ‘आप की अदालत’ हिंदी बेल्ट के दर्शकों में किसी पहचान का मोहताज नहीं है। इस कार्यक्रम में तकरीबन समाज की हर विधा के जाने माने लोग ‘मुजरिम’ बनकर कटघरे आ चुके हैं। रजत शर्मा की इस अदालत में नेता, अभिनेता, खिलाड़ी, धर्मगुरु सहित तमाम बड़ी हस्तियों के इंटरव्यू लिए जा चुके हैं। इस अनोखी ‘अदालत’ के शुरू होने की कहानी भी कार्यक्रम की तरह बड़ी दिलचस्प है। टेलीविजन के इतिहास में लंबे समय से लगातार चल रहे इस कार्यक्रम की शुरुआत कैसे हुई, इसके बारे में रजत शर्मा ने खुद सोशल मीडिया पर जानकारी दी।

दिल्ली से मुंबई के बीच फ्लाइट में आया विचार, गुलशन ग्रोवर बने वजह

उन्होंने कहा कि 1992 में उद्योगपति और एस्सेल ग्रुप (Essel Group) के मालिक सुभाष चंद्रा ने जी टीवी को शुरू किया था। तब रजत शर्मा मुंबई के एक अखबार के संपादक थे। एक दिन वे दिल्ली से मुंबई जा रहे थे। जिस फ्लाइट में वे सवार थे, उसी में उनके साथी एक्टर गुलशन ग्रोवर और सुभाष चंद्रा भी थे। सुभाष को देखकर गुलशन ने रजत शर्मा से कहा कि इनके चैनल पर मेरा एक इंटरव्यू आ जाए तो बड़ा फायदा हो जाएगा।

जी टीवी के सुभाष चंद्रा को सुझाव में दिखा था दम

रजत शर्मा ने यह बात सुभाष चंद्रा को बताई तो उन्होंने उनसे कहा कि इंटरव्यू वे ही ले लें। रजत शर्मा ने दो लोगों के बीच इंटरव्यू को बहुत फायदे वाला काम नहीं समझा। उन्होंने सुझाव दिया कि जो लोग सेलेब्रिटी हैं, फिल्म स्टार हैं, खिलाड़ी हैं, राजनेता हैं, पॉलिटिशियन हैं उनको बुलाइए, एक कटघरे में बैठाइए, सामने जनता हो, उन पर इल्जाम लगाए जाएं, उनसे सफाई मांगी जाए, जिम्मेदारी तय की जाए, तब बहुत अच्छा रहेगा। बात वहीं खत्म हो गई। फ्लाइट लैंड होने के बाद सब लोग उतरकर चले गये।

रजत शर्मा ने कहा कि एक दिन सुभाष चंद्रा ने फोन किया और मिलने के लिए उनके आफिस आए। इस दौरान सुभाष चंद्रा ने उनसे कहा कि वे जो सुझाव दिये थे, उसका क्या हुआ। रजत शर्मा ने कहा कि उन्होंने ऐसे ही बोल दिये थे। वह हवाबाजी थी। कोई कटघरे में नहीं आएगा। उसको छोड़िए। लेकिन सुभाष चंद्रा नहीं माने। उसके बाद वे कई बार मिले और आइडिया पर काम करने के लिए दबाव बनाते रहे। उन्होंने एक दिन अपने क्रिएटिव डायरेक्टर्स कमलेश पांडेय और करुणा सप्तानी को भेजा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को करते हैं और आप सवाल पूछेंगे।

रजत शर्मा ने कहा कि मुझे टीवी में काम करने का कोई आइडिया नहीं है। फिर भी वे नहीं माने और लगातार दबाव बनाते रहे। यहां तक कहा कि रिकॉर्ड करते हैं, अच्छा बना तो टेलीकास्ट करेंगे, नहीं तो जंक कर देंगे। रजत शर्मा ने यह भी कहा कि इसका खर्च भी आप लोग उठाएंगे, मेरे पास कोई रिसोर्स नहीं है। इसके बाद यह कार्यक्रम शुरू हुआ और पहला शो 12 फरवरी 1993 को लालू प्रसाद यादव के साथ हुआ।

कार्यक्रम के 21 साल पूरे होने पर नई दिल्ली में एक बड़ा कार्यक्रम हुआ था, जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई मंत्री, राजननेता, शीर्ष उद्योगपति, स्टार खिलाड़ी, बॉलीवुड हस्तियां पहुंची थीं।