Congress: पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता रहे राजीव गांधी की जयंती पर कांग्रेस ने अपनी वर्किंग कमेटी (CWC) का ऐलान किया है। इस लिस्ट में शामिल लोगों में खासतौर पर चर्चा सचिन पायलट और शशि थरूर के नाम की हो रही है।
राजस्थान में इस साल के आखिर तक विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सचिन पायलट की नाराजगी को कांग्रेस कभी दरकिनार नहीं करना चाहती, यही वजह है कि उनका नाम CWC में रखा गया है।
किसी बड़े राज्य के प्राभरी बनाए जा सकते हैं सचिन पायलट
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहती। 2018 में सरकार में आने के बाद से राजस्थान की कांग्रेस सरकार के भीतर काफी उथल-पुथल दिखाई दी है। सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद कई बार उभर कर सामने आया है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से दोनों नेता एक दूसरे को लेकर खामोशी इख्तियार किए हुए हैं और एक दो बैठकों में भी साथ दिखाई दिए हैं। NDTV के मुताबिक सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट को किसी बड़े राज्य का प्रभारी बनाये जाने की भी संभावना है।
CWC में शामिल किए जाने के क्या हैं मायने
X (Twitter) पर एक ट्वीट में सचिन पायलट ने फैसले के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को धन्यवाद दिया और कहा, “मुझे सदस्य बनाने के लिए मैं सम्मानित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का आभार व्यक्त करता हूं।” हम सभी कांग्रेस की रीति-नीति और विचारधारा को मजबूत करेंगे और इसे और मजबूती से लोगों तक पहुंचाएंगे।”
सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच विवाद के रहते कई मर्तबा कांग्रेस आलाकमान ने दोनों के बीच समझाइश की है। 2018 में सरकार के गठन के दौरान सचिन पायलट ने इस बात को लेकर बगावत की थी कि उन्हें सीएम बनाया जाना चाहिए लेकिन अशोक गहलोत ने आखिर में बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली थी।
इसके बाद सचिन पायलट राजी तो हो गए थे लेकिन इस उम्मीद के साथ कि अगली बार वही कांग्रेस के सीएम पद का चेहरा होंगे, लेकिन इस बार भी ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में कांग्रेस के सामने उन्हें अपने साथ बनाए रखने की बड़ी चुनौती है।