राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार अपनी पहली ही योजना को लेकर सवालों से घिर गई है। डुंगरपुर जिला के लोगों ने किसानों की ऋण माफी में धांधली का आरोप लगाया है। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक डुंगरपुर के लोगों का कहना है कि कर्ज माफी की सूची में उन लोगों के नाम भी शामिल हैं, जिन्होंने कभी भी बैंक से लोन नहीं लिया। लोगों ने इस संदर्भ में सबूत होने का भी दावा किया है। घटना के उजागर होने के बाद डुंगरपुर के जिलाधिकारी ने जांच के लिए एक टीम शिकायत वाले गांवों में भेज दी है। इसके अलावा लोन सुपरवाइजर को सस्पेंड कर दिया गया है और बैंक के मैनेजर की शक्तियों को सीमित कर दिया गया है।
Rajasthan: People in Dungarpur district allege discrepancies in farm loan waiver, say "Names of those who didn't take loan are in the list." Dist Collector (pic 3) says "Received complaints from few places. Teams sent for probe. Loan supervisor suspended, manager’s powers seized" pic.twitter.com/LFh6zfrAmw
— ANI (@ANI) January 7, 2019
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने राजस्थान के किसानों से उनके ऋण माफ करने का वादा किया था। चुनाव जीतने के बाद जैसे ही अशोक गहलतो मुख्यमंत्री बने उन्होंने कर्ज माफी की योजना पर मुहर लगा दी। राजस्थान में ने किसानों के 2 लाख रुपये तक के लोन माफ किए जा रहे हैं। जानकारों मानना है कि इससे राज्य सरकार पर 18 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इससे पहले छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकारों ने किसान ऋण माफी का ऐलान कर दिया है। राजस्थान में लोन माफी पर मुहर लगने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा था, “हमने (किसानों की कर्ज माफी) दस दिन की बात कही थी, लेकिन दो ही दिन में कर दिया।”
राजस्थान में उन किसानों के 2 लाख रुपये तक के ऋण माफी करने की घोषणा की गई है, जिन्होंने वाणिज्यिक, राष्ट्रीयकृत और ग्रामीण बैंकों से कर्ज लिया है। गौरतलब है कि बीते पांच राज्यों के चुनावों में कांग्रेस ने तीन हिंदी भाषी राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में वापसी की है। माना जाता है कि इन राज्यों में वापसी का सबसे मजबूत आधार किसानों की कर्ज माफी का ऐलान था।