Rajasthan UCC Bill: राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Government) यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल लाने की तैयारी कर रही है। हालांकि, उन्होंने इसकी कोई भी समयसीमा नहीं बताई है। प्रश्नकाल के दौरान जब भारतीय जनता पार्टी के विधायक कालीचरण सराफ ने सरकार से पूछा कि क्या वह उत्तराखंड की तर्ज पर यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल लाने की प्लानिंग कर रही है तो संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि राज्य इस पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि सभी पहलुओ पर सही से विचार करने के बाद ही सही समय पर विधेयक लाया जाएगा।

गौरतलब है कि यूसीसी पिछले कई सालों से भारतीय जनता पार्टी के मेनिफेस्टो में शामिल रहा है। पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल ने इस साल फरवरी में कहा था कि सरकार यूनिफार्म सिविल कोड बिल पारित करने की कोशिश करेगी। हम इस पर मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे और यह मेरी भी इच्छा है। इसे 100 फीसदी राज्य विधानसभा के जरिये पारित और लागू किया जाएगा। और इसे न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में लागू किया जाएगा।

दो दिन पहले भी उठा मुद्दा

दो दिन पहले भारतीय जनता पार्टी के विधायक बालमुकुंद आचार्य ने भी कहा था कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर जल्द से जल्द विचार किया जाना चाहिए और इसे लागू किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि हम सभी की मांग एक देश एक कानून की है। हमें भरोसा है कि इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। मैंने अपनी तरफ से केंद्र सरकार के सामने भी यह मांग उठाई है।

यूसीसी पारित करने वाला दूसरा राज्य बनने की कोशिश

कन्हैया लाल ने तब कहा था कि हम यूसीसी पारित करने वाला दूसरा राज्य बनने की कोशिश करेंगे। उनकी ये सभी टिप्पणियां उस समय आई थीं जब उत्तराखंड विधानसभा में उत्तराखंड समान नागरिक संहिता अधिनियम, 2024 पारित किया गया था। मंत्री मदन दिलावर ने भी उसी महीने यही वादा किया था। हालांकि उन्होंने भी यह नहीं बताया कि यह कब होगा।

कोई समय सीमा नहीं बताई

मदन दिलावर ने कहा था कि आज नहीं तो कल, लेकिन हम इसे लाएंगे। हम इसे कब लाएंगे, मैं नहीं कह सकता। सबके लिए एक जैसा कानून होना चाहिए। लोगों के लिए अलग-अलग कानून लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं और एकता दिखाई नहीं देती। पूरे देश को एकजुट होना चाहिए। उत्तराखंड कानून का उद्देश्य सभी धर्मों के लिए शादी और तलाक, उत्तराधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप और इससे संबंधित मामलों से संबंधित कानूनों को कंट्रोल करता है। लेकिन यह अनुसूचित जनजातियों को इसके दायरे से बाहर रखता है।