देश में सबसे पहले कोरोना वायरस को लेकर पूर्ण बंदी का एलान करने वाले राजस्थान में इसके पहले दिन सोमवार को दोपहर तक मिले-जुले हालात रहे। प्रदेश के बड़े शहरों में लोगों की आवाजाही बढ़ती देख प्रशासन ने दोपहर बाद सख्ती बरती तो हालात कर्फ्यू जैसे हो गए और सड़कों पर सन्नाटा पसर गया।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार रात को एक उच्च स्तरीय बैठक में ही सोमवार से प्रदेश में 31 मार्च तक पूर्ण बंदी करने का एलान कर दिया। प्रदेश में कोरोना के अब तक 29 मरीज सामने आए हैं। इसके कारण आने वाले दिनों में हालात और खराब नहीं हो इस मकसद से सरकार ने ऐसा सख्त कदम उठाया है।

जयपुर में सोमवार को सवेरे छह बजे से लाक डाउन शुरू होने के बाद लोगों की चहल कदमी पर रोक लग गई। इसके बावजूद बडी संख्या में लोगों के अपने निजी वाहनों में घूमने की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन और पुलिस ने सती दिखानी शुरू की। इसके कारण पुलिस ने गैरजरूरी तौर पर सड़कों पर निकलने वाले वाहन चालकों के वाहनों को जब्त करना शुरू कर दिया।
जयपुर के कलेक्टर जोगा राम ने बताया कि कोरोना विषाणु के संक्रमण के फैलाव को देखते हुए ही सरकार ने लाक डाउन किया है और एक साथ पांच लोगों के जमा होने पर पाबंदी लगाई गई। जयपुर जिले में अन्य कस्बों के अस्पतालों में 10 हजार से ज्यादा बिस्तर तैयार किए जा रहे हैं।

प्रदेश के भीलवाड़ा और झुंझनूं में तो कोरोना के ज्यादा मरीज मिलने के बाद इन शहरों में तो तीन दिन से ही कर्फ्यू चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि राजस्थान सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है। केंद्र सरकार ने भी राजस्थान के प्रयासों की सराहना की है। लाक डाउन के लिए सबसे पहले घोषणा करने पर तो केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह को सरकार की सराहना की जानकारी भी दी।

रघु शर्मा का कहना है कि प्रदेश की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। सबसे ज्यादा चिंताजनक हालात भीलवाड़ा जिले में है। भीलवाड़ा में तीन डॉक्टरों समेत 13 चिकित्साकर्मी पाजिटिव हैं। इन डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों के संपर्क में हजारों लोग आए थे। इसके कारण कर्फ्यू लगा कर सभी घरों की स्क्रीनिंग की गई है।

भीलवाड़ा में करीब 500 लोगों को पृथक रखा गया है। चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह का कहना है कि प्रदेश को चरण 3 में जाने से बचाने के लिए ही तमाम उपाय किए जा रहे हैं। राजस्थान व्यापार महासंघ के सुरेश सैनी का कहना है कि कोरोना वायरस के लिए सरकार के उठाए गए सभी कदमों के साथ हैं।

महासंघ ने तमाम तरह के कारोबार बंद कर दिए हैं। इसके साथ ही गरीब और जरूरतमंदों के लिए भोजन सामग्री की भी व्यवस्था की जा रही है। फुटपाथ पर जीवन बसर करने वालों को खाद्य सामग्री पुलिस के सहयोग से वितरीत की जा रही है। इसके साथ महासंघ से जुड़े सदस्यों से अपील की गई है कि लाक डाउन के दौरान घरों पर ही रहे और आम जनता को भी कुछ दिनों के लिए घरों पर रहने के लिए प्रेरित करें।