राजस्थान के बारां जिले में दो युवकों को छुरा घोंपे जाने के बाद सांप्रदायिक हिंसा फैल गयी। घटना के बाद अनियंत्रित भीड़ ने दर्जनों वाहनों और दुकानों में आग लगा दिया। हालत काबू में करने के लिए प्रशासन की तरफ से क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया।

पुलिस की तरफ से हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्के बल का भी प्रयोग किया गया। पुलिस के प्रयासों के बाद भी दोनों ही समुदाय के लोग हाथों में डंडे, लोहे की छड़ एवं हथियार लेकर देर घंटों उपद्रव करते रहे। भीड़ की तरफ से सरकारी संपत्ति को भी निशाना बनाया गया। मीडिया से बात करते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण है भीड़ की तरफ से भारी हिंसा की गयी है। हालांकि हिंसा में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

सूत्रों के अनुसार शनिवार को धरनावाड़ा में दो युवक को दूसरे समुदाय के चार-पांच युवकों ने हमला कर घायल कर दिया था। जिसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर लोगों ने धनरावाड़ा सर्किल पर धरना दिया था। पुलिस की तरफ से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन मुख्य आरोपी नहीं पकड़ा गया था।

आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर लोगों ने बाजार बंद करवाने की शुरुआत कर दी जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। उत्तेजित भीड़ ने 10-12 दुकानों में आग लगा दिया और एक निजी यात्री बस, कारों एव अन्य वाहनों के साथ-साथ एक दमकलगाड़ी भी आग के हवाले कर दी।

घटना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जिलाधिकारी ने छबड़ा के नगरपालिका क्षेत्र में रविवार शाम के बाद कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया। साथ ही जिले में 13 अप्रैल तक के लिए इंटरनेट सेवा को भी निलंबित कर दिया गया। पूर्व विधायक प्रताप सिंह सिंधवी ने घटना को लेकर प्रशासन को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन मामले को गंभीरता से लेती तो घटना को टाला जा सकता था।