Ashok Gehlot on liquor ban: गुजरात और बिहार के बाद अब राजस्थान में भी शराबबंदी की मांग उठने लगी है। शराबबंदी को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वह भी चाहते हैं कि ऐसा हो लेकिन इंतजाम नहीं होंगे प्रतिबंध का कोई मतलब नहीं है। राजस्थान के सीएम ने गुजरात का उदाहरण देते हुए कहा कि गुजरात में शराब पिछले 70 सालों से बंद है। लेकिन सबसे ज्यादा शराब वहीं पी जाती है। गुजरात में लोग घर-घर शराब पीते हैं।
गहलोत ने शराबबंदी को लेकर कहा “‘व्यक्तिगत रूप से मैं शराब प्रतिबंध का समर्थन करता हूं। इसे एक बार यहां प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन यह विफल रहा और प्रतिबंध हटा दिया गया। आज़ादी के बाद से गुजरात में शराब बैन है। लेकिन गुजरात में शराब भी खपत सबसे ज्यादा है। घर-घर में शराब पी जाती है।”
इसके अलावा सीएम ने सुशासन को लेकर भी बात की। गहलोत ने कहा कि प्रदेश की जनता को सुशासन देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए हर स्तर पर पारर्दिशता एवं जवाबदेही सुनिश्चित की जा रही है। गहलोत रविवार को डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा में दिगम्बर जैन कन्या छात्रावास के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बालिकाओं की उच्च शिक्षा को बढ़ावा दे रही है और सरकार ने इस बजट में एक साथ 50 कॉलेज खोलने की घोषणा की है। इनमें महिला महाविद्यालय भी शामिल हैं।
सीएम ने कहा कि महात्मा गांधी के आदर्श और सिद्धान्तों का अनुसरण करते हुए सामाजिक समरसता के साथ ही चहुंमुखी विकास संभव है। उन्होंने कहा कि सरकार हर वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए लगातार जन कल्याणकारी फैसले किए जा रहे हैं। गहलोत ने कहा कि पिछले कार्यकाल में हमने मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा एवं जांच योजना शुरू की थी, जो बेहद कामयाब रही। इतना ही नहीं हमने मूक पशुओं के लिए भी नि:शुल्क दवा योजना शुरू की थी। अब हम गौवंश के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए प्रत्येक पंचायत समिति में नंदीशाला खोलेंगे।
(भाषा इनपुट के साथ)