Maha Kumbh 2025: महाकुंभ का अब समापन हो चुका है लेकिन अभी भी इस भव्य मेले से जुड़ी खबरें और अपडेट्स लोग जानना चाहते हैं। महाकुंभ मेले में शिरकत करने के लिए न सिर्फ देश के कोने-कोने बल्कि विदेशों से भी लोग आए। कुंभ मेले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी सहित देश के कई गणमान्य व्यक्तियों ने डुबकी लगाई।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ने न सिर्फ खुद महाकुंभ जाकर आस्था की डुबकी लगाई बल्कि वो एक स्पेशल ट्रेन के जरिए अपनी लोकसभा अजमेर से 2,300 लोगों को प्रयागराज लेकर गए। वापसी की यात्रा अयोध्या हुए प्लान की गई थी, जिस वजह से श्रद्धालु राम मंदिर के भी दर्शन कर पाए।
अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन भी करवाए
रिपोर्ट के अनुसार, इस तीन दिवसीय यात्रा के दौरान भागीरथ चौधरी ने अपने साथ गए लोगों की हर जरूरत का ख्याल रखा। केंद्रीय मंत्री के साथ गए लोगों में बीजेपी कार्यकर्ताओं का समूह भी शामिल था। ये वो समूह था, जिनसे भागीरथ चौधरी ने वादा किया था कि वो अगर पार्टी के सदस्यता अभियान के दौरान 11 नए सदस्य बनाएंगे तो वह उन्हें अयोध्या लेकर जाएंगे।
महाकुंभ से भावुक होकर विदा हो रहे श्रद्धालु
उत्तर प्रदेश में पिछले 45 दिनों से मंत्रोच्चार एवं भजन-प्रवचन से गुंजायमान महाकुंभनगर अब वीरानगी की ओर बढ़ रहा है। टेंट उखड़ रहे हैं और सामान ट्रैक्टरों पर लादे जा रहे हैं। ऐसे में हफ्ते – महीने इस नगर में बिताने वाले लोग भावुक होकर विदा हो रहे हैं। महाकुंभनगर में 45 दिनों तक चला मेला महाशिवरात्रि स्नान के साथ संपन्न हो गया। इस दौरान 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। लाखों लोगों ने तो इसे अपना अस्थाई घर ही बना लिया था।
महाकुंभ नगर के सेक्टर आठ में बैलों के संरक्षण के लिए शिविर लगाकर एक महीने से अधिक का प्रवास करने वाले राहुल शर्मा ने बहुत भावुक होकर कहा, “वापस जयपुर जाने का मन नहीं कर रहा। यहां हुई अनुभूति को मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। यहां हर दिन एक नई ऊर्जा का संचार महसूस हुआ। जमीन पर सोया, लकड़ी की आग पर भोजन पकाकर खाया। यह सब महानगरों में कहां नसीब होता है।” उन्होंने कहा, “इस मेले ने मुझे देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं की सेवा करने का अवसर दिया। एक ही जगह पर बिना बुलाए लोग आए।”
प्रयागराज की रहने वाली सलोनी निरंजन सेक्टर छह में एक स्विस कॉटेज में ठहरी थीं। टेंट उखड़ते देख दुखी मन से उन्होंने कहा, “मैंने इसी टेंट में एक महीने का कल्पवास किया और अब इस घर को उजड़ता देख बहुत दुख हो रहा है।” उन्होंने बताया, “महाशिवरात्रि तक यहां जनसैलाब उमड़ा था और अब धीरे धीरे यह इलाका वीरान हो रहा है।”
सलोनी के पति निरंजन लाल और उनके परिवार के पंडा शंभूनाथ शर्मा भी इस दृश्य को देखकर भावुक हैं। शर्मा ने कहा, “आप जहां भी नजर घुमाएं, हर स्थान बदलता हुआ दिखेगा। लोगों के घर वापस जाने के साथ टेंट सिटी, मंदिरों की प्रतिकृति, स्वास्थ्य शिविर सब कुछ खत्म हो रहा है। कुछ ही महीनों में यहां किसान सब्जियों की खेती करते दिखाई देंगे।”
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