राजीव जैन
राजस्थान के शहरों में भाजपा का दबदबा अभी तक कायम है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद शहरी निकायों के चुनाव में भी भाजपा ने कामयाबी हासिल कर फिर ताकत दिखा दी है। जबकि प्रदेश में लगातार करारी हार झेल रही कांग्रेस को एक बार फिर झटका लगा है। प्रदेश के सभी बड़े शहरों में जनता ने भाजपा को निकायों की भी जिम्मेदारी बड़े बहुमत से सौंप कर उस पर भरोसा जताया है। जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर और कोटा जैसे बड़े शहरों के नगर निगमों में जनता ने भाजपा को साफ बहुमत देकर उसे विकास की कसौटी पर खरा उतरने की चुनौती भी दी है। नतीजों के बाद भाजपा के बड़े नेताओं ने भी कहा कि जनता ने अपना काम कर दिया है, अब बारी हमारी है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नतीजों को उत्साहजनक करार देते हुए कहा कि अब हमें विकास की रफ्तार को गति देने की दिशा में बढ़ना होगा। जनता ने केंद्र और राज्य में सत्ता के साथ कड़ी जोड़ते हुए शहरों की सरकार भी भाजपा को सौंपने में कोई कोताही नहीं बरती। इस जनादेश को लेकर भाजपा को अब जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की पहल करनी होगी।
राज्य में करीब एक साल से शासन कर रही भाजपा सरकार की किसी भी योजना और नीति का खाका जनता को नहीं भा रहा है। भाजपा सरकार के कामकाज से भी जनता को कोई बड़ी राहत नहीं मिली है। इसके बावजूद जनता ने मजबूती से भाजपा को मौका देते हुए उसे जनकल्याणकारी काम करने का अवसर दिया है। प्रदेश में पिछले दिनों हुए विधानसभा के उपचुनावों में जनता ने भाजपा को करारा सबक भी दिया था। प्रदेश की चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव में जनता ने सरकार के कामकाज से नाराजगी जताते हुए उससे तीन सीटें छीन ली थीं।
इसके बाद भाजपा में चिंता पनप गई थी। भाजपा के एक खेमे ने उसी दौरान वसुंधरा सरकार के कामकाज और कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिए थे। सरकार के नुमाइंदों का कहना था कि लगातार चुनावों के कारण उसे काम कर जनता तक पहुंचाने का समय ही नहीं मिला। उपचुनावों की हार के बाद सरकार हरकत में भी आई। मंत्रिमंडल का विस्तार कर जनहित के कामों को नए सिरे से करने का वादा किया गया।
राज्य के शहरी निकायों में भाजपा के प्रचार की जिम्मेदारी गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया को सौंपी गई थी। खांटी संघी कटारिया ने जीतोड़ मेहनत कर नतीजों को भाजपा के पक्ष में मोड़ दिया। कटारिया के गृहनगर उदयपुर में तो रिकार्ड जीत ने उनका कद बढ़ा दिया। भाजपा की भीतरी राजनीति में वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी की वसुंधरा राजे के प्रति नाराजगी को भी जनता ने अनदेखा कर दिया। राजनीतिक हलकों में माना जा रहा था कि तिवाड़ी की नाखुशी के कारण भाजपा को नुकसान हो सकता है। लेकिन जनता ने भाजपा का साथ दिया और नाराज नेताओं को भी पार्टी नेतृत्व का साथ देने की नसीहत दी। तिवाड़ी के इलाके में भी भाजपा के उम्मीदवार आसान जीत हासिल कर गए। इससे जहिर होता है कि जनता किसी नेता के साथ न होकर पार्टी के साथ रहती है।
प्रदेश के निकायों में बुधवार को प्रमुखों का चुनाव हुआ। ज्यादातर शहरों में जिनमें भाजपा को बहुमत मिला है उनमें उसके पार्षद प्रमुख बन गए। इसके अलावा निर्दलियों की मदद से भाजपा ने कई निकायों में अपने प्रमुख बनाने में कामयाबी हासिल कर ली। जयपुर में निर्मल नाहटा, कोटा में महेश विजयवर्गीय, उदयपुर में चंद्र सिंह कोठारी, जोधपुर में घनश्याम ओझा और बीकानेर में नारायण चोपड़ा मेयर बनाए गए हैं। इन सभी को प्रदेश भाजपा में पर्यवेक्षकों और स्थानीय विधायकों के साथ ही नए बने पार्षदों की सहमति के बाद मेयर के उम्मीदवार तय किए गए।