महाराष्ट्र में हिंदी भाषियों और गैर-मराठी समुदाय के खिलाफ हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने फिर एक दुकानदार की पिटाई को लेकर चर्चा में हैं। ताजा मामला मुंबई के विक्रोली इलाके का है। वहां एक दुकानदार के व्हाट्सएप स्टेटस पर बवाल खड़ा हो गया।
विक्रोली के टैगोर नगर इलाके में रहने वाला एक राजस्थानी दुकानदार उस समय विवादों में आ गया जब उसने अपने व्हाट्सएप स्टेटस में लिखा— “देख लिया राजस्थानी की ताकत, हम मारवाड़ी हैं, हमारे सामने किसी की नहीं चलती।” इस संदेश को मराठी अस्मिता के खिलाफ माना गया, जिसके बाद स्थानीय मनसे कार्यकर्ताओं ने दुकानदार पर हमला कर दिया।
वीडियो बनाकर दुकानदार से जबरन माफी मंगवाई
घटना का वायरल वीडियो में मनसे कार्यकर्ता दुकानदार को थप्पड़ मारते और गालियां देते नजर आ रहे हैं। उसे दुकान के बाहर खड़ा करके जबरन माफी मांगने के लिए कहा गया। वीडियो में दुकानदार हाथ जोड़कर कह रहा है, “मैं ऐसी गलती दोबारा नहीं करूंगा।” कार्यकर्ताओं ने यह भी चेतावनी दी कि भविष्य में अगर दुकानदार, उसके परिवार या स्टाफ ने मराठी लोगों के खिलाफ कुछ भी कहा तो इसके और गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
इस वीडियो को मनसे कार्यकर्ताओं ने खुद रिकॉर्ड किया और इसमें बैकग्राउंड में मराठी गाना और एक संदेश लिखा गया— “अगर कोई मराठी के खिलाफ बोलेगा, तो यही अंजाम होगा।” वीडियो में मनसे का लोगो भी साफ दिख रहा है, जबकि राज ठाकरे पहले ही कार्यकर्ताओं से ऐसी गतिविधियों का वीडियो न बनाने की अपील कर चुके हैं।
घटना के बाद दुकानदार को पकड़कर स्थानीय पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां शिकायत दर्ज की गई। मनसे के स्थानीय नेता विश्वजीत ढोलम ने दुकानदार के बहिष्कार का आह्वान किया और लोगों से अपील की कि वे ऐसे व्यापारियों से कोई सामान न खरीदें।
इससे पहले 1 जुलाई को ठाणे में एक स्ट्रीट फूड विक्रेता पर हमला किया गया था, क्योंकि उसने मराठी में बात करने से इनकार कर दिया था। उस घटना में सात मनसे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। इसके विरोध में भयंदर के व्यापारियों ने प्रदर्शन कर मनसे पर गैर-मराठी समुदायों को निशाना बनाने और नैतिक पुलिसिंग का आरोप लगाया था।
इसी एक अन्य मामला विरार स्टेशन के पास सामने आया, जहां उत्तर प्रदेश के एक ऑटो ड्राइवर को मराठी न बोलने पर पीटा गया। ड्राइवर ने वीडियो में कहा, “मैं हिंदी बोलूंगा”, जिसके बाद मनसे और शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं ने मिलकर उस पर हमला किया। उसे थप्पड़ मारकर माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया। इस घटना में महिलाएं भी शामिल थीं।
शिवसेना (यूबीटी) के विरार प्रमुख उदय जाधव भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा, “अगर कोई मराठी भाषा या लोगों का अपमान करता है, तो उसे शिवसेना की शैली में जवाब मिलेगा।” इन घटनाओं ने महाराष्ट्र में मराठी बनाम गैर-मराठी की बहस को फिर से तेज कर दिया है। जहां एक ओर स्थानीय अस्मिता की बात हो रही है, वहीं दूसरी ओर कानून व्यवस्था और हिंसा पर सवाल उठ रहे हैं।